दिल्ली। देश में 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) मनाया जाएगा. इस दौरान होने वाली परेड की तैयारियों से पहले पश्चिमी सेना कमांडर परेड के दौरान पैराशूट रेजिमेंट से भारतीय सेना (Indian Army) की टुकड़ी मार्च कर रही है. परेड के दौरान, सेना की टुकड़ियों ने 1947, 1962 और 1971 से लेकर आज तक विभिन्न समय की वर्दी पहनी. 5 जनवरी को सेना दिवस परेड के दौरान डिजिटल लड़ाकू वर्दी का अनावरण किया जाएगा. वहीं, मेजर जनरल विक्रांत नाइक, नीरज वार्ष्णेय, केवी जौहर और लेफ्टिनेंट कर्नल युवराज सिंह मलिक ने आज पश्चिमी सेना कमांडर की परेड में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया.
गौरतलब है कि भारत 15 जनवरी 2022 को 74वां सेना दिवस (Army Day 2022) मनाएगा. हर साल इस दिन भारतीय सेना के उन जवानों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की. यह दिन सभी सेना कमान मुख्यालयों में मनाया जाता है. फिलहाल सेना दिवस की तैयारियां अपने जोरों पर हैं, लेकिन कोविड-19 की तीसरी लहर (Covid-19 Third Wave) की वजह से इस दिन कड़े कोरोना प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के बीच बीच मनाया जाएगा. ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Varinat) की वजह से खतरा और बढ़ गया है.
एक अप्रैल 1895 को भारतीय सेना की आधिकारिक रूप से स्थापना हुई. हालांकि, 1949 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद सेना को इसका पहला प्रमुख मिला. ये 15 जनवरी को हुआ था. इसी दिन भारतीय सेना को देश को आधिकारिक रूप से सौंपा गया था. जनरल सर फ्रांसिस बुचर ने लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को भारतीय सेना की कमान सौंपी. 1947 में, पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा ने भारतीय सेना का नेतृत्व किया. वहीं, 14 जनवरी 1986 को वह भारतीय सेना में दूसरे सर्वोच्च रैंकिंग अधिकारी बन गए, जब उन्हें भारत के फील्ड मार्शल की उपाधि मिली.