विदेश में आतंकियों के खात्मे में 'भारत की भूमिका' पर अखबार के दावे से पाकिस्तान में खलबली
एक-एक कर भारतीय खुफिया एजेंसियों के द्वारा खत्म किया जा रहा है।
नई दिल्ली: ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' द्वारा किए गए दावे के बाद से ही पाकिस्तान में खलबली मच गई है। दरअसल, इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी के द्वारा पाकिस्तान सहित दुनिया के तमाम देशों में जो भारत के दुश्मन रह रहे हैं, या जो भारत के खिलाफ षड़यंत्र रच रहे हैं, उन्हें एक-एक कर भारतीय खुफिया एजेंसियों के द्वारा खत्म किया जा रहा है।
इस रिपोर्ट में हालांकि लोग कई तरह की खामियों को स्पष्ट तौर पर उजागर कर रहे हैं। वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस रिपोर्ट को एक एजेंडा करार दिया जा रहा है। विदेश मंत्रालय इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर रहा है। ऐसे में अखबार के इस दावे को भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है और इसे 'झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार' बताया है। वहीं, पाकिस्तान के द्वारा इस रिपोर्ट के दावों पर मची खलबली को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं कि कहीं ये हत्याएं संभवतः पाकिस्तान द्वारा तो नहीं कराई गई थी।
वहीं, दूसरी तरफ भारत का सियासी नेतृत्व इस बात को कहता रहा है कि अब वह पहले वाला भारत नहीं है, जो अपनी पीठ पर घोंपे गए छुरे को बर्दाश्त करेगा। वह अपने यहां हुए किसी भी आतंकी घटना का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और आगे भी देगा। सरकार के शीर्ष सियासी नेता कई मंचों से पीओके में घुसकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए दावा करते रहे हैं कि अब भारत घर में घुसकर मारता भी है।
अखबार की रिपोर्ट की मानें तो 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साहसी कदम उठाया। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2020 से अब तक भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले 20 आतंकियों की हत्या अज्ञात हमलावरों के द्वारा की गई है। पाकिस्तान अब तक जो दावा कर रहा है, वह अखबार की रिपोर्ट में भी दिख रहा है। जिसे देखकर वह गदगद है और पाकिस्तानी मीडिया को भारत को घेरने का मौका मिल गया है।
पाकिस्तान की जियो न्यूज ने इस रिपोर्ट पर कहा कि यह पाकिस्तान के दावों को और अधिक बल देती है। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर जियो न्यूज की तरफ से कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने पाकिस्तान की धरती पर हत्याओं के आदेश दिए। वह अपनी रिपोर्ट में रॉ को कुख्यात एजेंसी बता रही है। जियो न्यूज ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के अलावा खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ भी भारत की एजेंसियां हत्याओं की कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं।
अखबार की इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत आतंकी हमला होने से पहले से ही आतंकियों को मार रहा था। लेकिन, अब इस रिपोर्ट पर भी सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, इस रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मरा हुआ लिखा गया है, जो गलत है। इस लेख में पहले आतंकी रियाज अहमद की फोटो गलत लगाई गई थी।
विदेशी जमीन पर भारत के द्वारा इस तरह के ऑपरेशन चलाए जाने का यह पहला आरोप नहीं है, यह तीसरी बार है जब भारत पर ऐसा आरोप लगा है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सबसे पहले दावा किया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ था। इसके बाद अमेरिका ने भी दावा कर दिया कि खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल कोशिश भारत ने की। दोनों ही बार भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इन आरोपों का करारा जवाब दिया गया और इस बार भी विदेश मंत्रालय ने अखबार के द्वारा जारी रिपोर्ट और दावे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है।