मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद हड़कंप, जानें मरीजों के साथ ऐसा क्या हुआ?

राज्य मानव अधिकार आयोग ने प्रशासन से जवाब तलब किया है।

Update: 2024-04-09 02:59 GMT

सांकेतिक तस्वीर

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर के एक परमार्थ अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी कराने वाले नौ मरीजों में संक्रमण हो गया था। इसके दुष्प्रभाव के खुलासे के बाद राज्य मानव अधिकार आयोग ने प्रशासन से सोमवार को जवाब तलब किया है। अधिकारियों ने बताया कि मीडिया की खबरों के आधार पर संज्ञान लेकर आयोग ने मानवाधिकार के कथित उल्लंघन के इस मामले में इंदौर के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। उन्होंने बताया कि आयोग ने पूछा है कि जांच के बाद इस मामले में कौन से कदम उठाए गए हैं और संक्रमण के शिकार मरीजों की हालत कैसी है?
अधिकारियों ने बताया कि शहर के चोइथराम नेत्रालय में राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीबी) के तहत 20 मार्च को 79 मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन सरकारी खर्च पर किए गए थे जिनमें से नौ लोगों की आंखों पर संक्रमण के कारण दुष्प्रभाव पड़ने के बारे में पता चला है। पहले प्रशासन ने कहा था कि मोतियाबिंद सर्जरी शिविर में शामिल आठ मरीजों की आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ा है।
सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि हमें जांच में पता चला है कि चोइथराम नेत्रालय में मोतियाबिंद सर्जरी से नौ मरीजों की आंखों में संक्रमण के कारण दुष्प्रभाव पड़ा था। इलाज के बाद फिलहाल इनमें से सात लोगों की हालत में सुधार है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने नौ संक्रमित मरीजों में से सात लोगों की आंखों की जांच की, जबकि दो व्यक्ति जांच कराने नहीं पहुंचे। सैत्या ने बताया कि इन दो लोगों में शामिल एक व्यक्ति शादी समारोह में गया है, जबकि दूसरे मरीज ने फोन पर कहा कि उसकी आंखों की स्थिति फिलहाल ठीक है। सीएमएचओ के मुताबिक मोतियाबिंद सर्जरी शिविर में शामिल नौ मरीजों की आंखों में संक्रमण का कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है।
इंदौर संभाग के क्षेत्रीय निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) आरसी पनिका ने बताया कि संक्रमण के शिकार नौ में से चार मरीजों ने कहा था कि उन्हें लग रहा है कि मोतियाबिंद सर्जरी के बाद उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई है, हालांकि इलाज के बाद अब उनकी हालत में सुधार है। पनिका ने कहा कि इस मामले में जांच रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी और सरकारी निर्देशों के मुताबिक उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मरीजों की आंखों पर दुष्प्रभाव की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने चोइथराम नेत्रालय का ऑपरेशन कक्ष सील कर दिया था। चोइथराम नेत्रालय चलाने वाले एक स्थानीय ट्रस्ट की प्रबंध समिति के सदस्य अश्चिनी वर्मा का दावा है कि मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में अस्पताल के स्तर पर कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
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