बुंदेलखंड में 'पानी' लिखेगा बदलते दौर की कहानी: स्वतंत्र देव सिंह

Update: 2023-01-06 08:19 GMT

फाइल फोटो

भोपाल (आईएएनएस)| बुंदेलखंड की देश और दुनिया में पहचान जल संकट ग्रस्त और सूखा वाले इलाके की है, मगर अब यहां के हालात बदलने की मुहिम जारी है। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का दावा है कि बुंदेलखंड पानीदार तो हो ही रहा है, साथ ही इस इलाके की बदलते दौर की कहानी भी 'पानी' ही लिखेगा।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए यूपी के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने बुंदेलखंड के बीते दौर की चर्चा करने के साथ कहा कि यह इलाका कभी सूखा और जल संकट के लिए जाना जाता था, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। आने वाले कुछ माह में ही इस इलाके के हर घर तक जल पहुंचाने का अभियान पूरा होगा और लोगों को घर में पीने का पानी तो मिलेगा ही साथ ही खेतों की सिंचाई की भी बेहतर व्यवस्थाएं हो रही हैं।
स्वतंत्र देव सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में बुंदेलखंड इलाके में जल संरचनाओं का संरक्षण किया जा रहा है। खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई परियोजनाएं अस्तित्व में आ रही हैं। इसके साथ ही चेक डैम का निर्माण और खेत की मेड़ पर पेड़ लगाए जा रहे हैं। इन स्थितियों ने बुंदेलखंड के जल स्तर को ऊपर लाने का काम किया है।
म्ांत्री सिंह ने आगे कहा कि पहली बार राज्यों के जल मंत्रियों का यह सम्मेलन हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर जल संरक्षण व संचय पर है, उसी दिशा में यह पहल हुई है। इस सम्मेलन में अलग-अलग राज्यों के मंत्रियों ने जल संचय, संरक्षण, पानी की जरूरत, बरसात के पानी के स्टोर, प्रबंधन कैसा हो इस पर चर्चा की। साथ ही खेतों को पानी मिले और किसान खुशहाल हो, उत्पादन बढ़े, साथ ही लोगों को पीने का पानी मिले, इसके अलावा पानी की बचत और स्टोर हो यह भी लक्ष्य है।
बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर की चर्चा करते हुए मंत्री सिंह ने कहा आने वाले दिन बुंदेलखंड के लिए और भी खुशहाली लाने वाले होंगे क्योंकि केन-बेतवा लिंक परियोजना पर जल्दी ही अमल शुरू होने वाला है। इसका लाभ इस इलाके को मिलना तय है। अब यहां पानी की समस्या नहीं रहेगी, इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं। बुंदेलखंड में एक बड़वार झील है पहली बार बारिश के मौसम में पानी से इसे भरा गया और तीन दशक बाद पहली बार लगभग झांसी जिले के गुरसराएं क्षेत्र के किसानों को पानी मिला, इससे किसान खुश हैं। यह बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर को बयां करने वाली है।
गंगा नदी को संपन्नता से जुड़ने की चल रही मुहिम 'अर्थ गंगा' को लेकर स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अब गंगा में प्रदूषित पानी बहुत कम मिल रहा है, पानी की स्वच्छता और शुद्धता बढ़ी है। यही कारण है कि गंगा में मछली और कछुआ के साथ मगरमच्छ भी नजर आने लगे हैं। गंगा के दोनों ओर जैविक खेती की योजना है जिससे गंगा के किनारों पर रहने वाले लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा। वैसे भी गंगा की मिट्टी उपजाऊ है चाहे वह खेती की हो या फिर ज्ञान संपन्न लोगों की।
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