20 सितंबर से होंगे बिहार में पंचायत चुनाव! एक हफ्ते में जारी हो सकती है अधिसूचना
बिहार में पंचायत चुनाव की तारीखें लगभग तय हो गई।
पटना: बिहार में पंचायत चुनाव की तारीखें लगभग तय हो गई। इसकी शुरुआत 20 सितंबर से होने की उम्मीद है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज विभाग को पंचायत और ग्राम कचहरियों के आम चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने के संबंध में अपनी अनुशंसा भेज दी।
पंचायतीराज विभाग ने की अनुशंसा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयोग के सचिव ने पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में इसकी अनुशंसा की है। बिहार में पंचायत चुनाव की अधिसूचना 20 अगस्त को जारी करने की अपील भी की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर पंचायतीराज विभाग कैबिनेट से मंजूरी लेकर अधिसूचना जारी करेगा। अबतक जो परंपरा रही है, उसके मुताबिक आयोग की अनुशंसा को कैबिनेट मंजूर कर देता है।
10 चरणों में बिहार पंचायत चुनाव की संभावना
बिहार में पंचायतों और ग्राम कचहरियों के अलग-अलग पदों के लिए दस चरणों में आम चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 20 सितंबर को होने की संभावना जताई जा रही है। दूसरे चरण का मतदान 24 सितंबर, तीसरे चरण का मतदान 4 अक्टूबर, चौथे चरण का मतदान 8 अक्टूबर, पांचवें चरण का मतदान 18 अक्टूबर, छठे चरण का मतदान 22 अक्टूबर, सातवें चरण का मतदान 31 अक्टूबर, आठवें चरण का मतदान 7 नवंबर, नौवें चरण का मतदान 15 नवंबर और दसवें और अंतिम चरण का मतदान 25 नवंबर को कराया जा सकता है। हालांकि अबतक नोटिफिकेशन नहीं हुआ है।
पंचायत चुनाव में तय कर दी गई खर्च की सीमा
माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि पंचायत चुनाव को लेकर मुखिया या पंचायत के किसी पद का प्रत्याशी वोट के लिए रुपए बांटता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। निर्देशों का उल्लंघन करने पर मामला दर्ज कर उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दिया है। पंचायत चुनाव 2021 के उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा का तय कर दी गई है। जिला परिषद उम्मीदवार अधिकतम 1 लाख तक ही खर्च कर सकते हैं। मुखिया और सरपंच उम्मीदवार 40 हजार रुपए खर्च कर सकते हैं। पंचायत समिति के सदस्यों को 30 हजार, ग्राम पंचायत सदस्य और पंच को 20-20 हजार खर्च करने की छूट है।
नियमों का सख्ती से किया जाएगा पालन
राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ-साफ कहा है कि कोई भी प्रत्याशी किसी भी राजनीतिक दल के झंडा या पोस्टर का इस्तेमाल नहीं करेगा। कोई ऐसा करता है तो उसे अयोग्य करार दिया जाएगा। साथ ही धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर घृणा फैलाने को भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे उम्मीदवारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चुनाव प्रचार के लिए मंदिर, मस्जिद या दूसरे धार्मिक स्थलों का मंच के रूप में इस्तेमाल करने पर भी मनाही है।