Pakistan की Drone वाली नापाक साजिश का पर्दाफाश, ATC और MI-17 Helicopter थे निशाने पर, रडार की नजर से कैसे बचा ड्रोन?

Update: 2021-06-28 02:32 GMT

इंडियन एयरफोर्स के बेस पर हमले के लिए पहली बार अनमैंड एरियल व्हीकल (UAV) पर विस्फोटक रख निशाना बनाया गया है. बीती रात को दो यूएवी का इस्तेमाल कर Mi-17 हैंगर के पास विस्फोटक गिराए गए. एक धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि हैंगर के समीप एक एक बिल्डिंग की छत में छेद हो गया. जम्मू कश्मीर पुलिस और एनआईए इस आतंकी हमले की जांच कर रही हैं. यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यूएवी भारत-पाकिस्तान सीमा पार से आया था या फिर इसे एयरबेस के समीप किसी बिल्डिंग से आपरेट किया जा रहा था. लेकिन आतंकी हमले के बाद इस यह इलाका ग्रे जोन युद्ध इलाके में जरूर तब्दील हो गया है.

ऊंची दीवारें, कंटीले तार और सेना की चौकियां अब आंतकी हमलों को रोकने के लिए नाकाफी है. एक सुरक्षित दूरी से दुश्मन हमला कर सकता है. ऐसे ड्रोन होते हैं जो 20 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते हैं और साथ ही कुछ किलोग्राम के भार भी अपने साथ लेकर उड़ सकते हैं. पिज्जा से लेकर बम तक कई ऐसी चीजें हैं जो अनमैंड एरियल व्हीकल अपने साथ लेकर हजारों किलोमीटर तक दो दिनों तक अपने साथ रॉकेट और बम लेकर उड़ सकते हैं. इस हमले में आतंकियों ने टाइप 1 या फिर टाइप 2 यूएवी का इस्तेमाल किया.
सवाल- क्या भारत को इस खतरे के बारे में जानकारी थी:
जवाब- पिछले दो सालों से पाकिस्तान एके-47 एसॉल्ट राइफल, गोला बारूद और ड्रग भारत भेजने के लिए यूएवी का इस्तेमाल कर रहा है,विशेष तौर पर पंजाब और जम्मू बॉर्डर पर ऐसा किया जा रहा है. अतीत में कई ड्रोन देखे गए हैं और इन्हें निष्क्रिय भी किया गया है और हथियार भी बरामद हुए हैं.
सवाल- क्या रडार, ड्रोन का पता लगा सकते हैं?
जवाब- IAF के अनुसार, रडार कुछ सैन्य ड्रोन का पता लगा सकते हैं लेकिन छोटे क्वाडकॉप्टर नहीं. विशेष कुर्फ रडार, छोटे, धीमी उड़ान वाले यूएवी के लिए होते हैं लेकिन अबतक प्रयास सैनिकों और पुलिस को खतरे की पहचान करने और फिर उसे बेअसर करने के लिए शिक्षित करने का रहा है.
सवाल- क्या भारत जवाबी कार्रवाई करेगा?
जवाब- भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमले दोनों के दौरान निकटतम हमले के खतरे को बेअसर करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं. 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई नहीं की लेकिन अदालत में सबूत पेश किए और पाकिस्तान से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.
सवाल- हम अपने साजो-सामान को कैसे सुरक्षित रखेंगे?
जवाब- सुरक्षाबलों के लिए यह कड़ी चुनौती है. फाइटर जेट ब्लास्ट पेन में रखे जा सकते हैं लेकिन रडार और अन्य सामान हवाई हमले के लिहाज से खतरे में रहते हैं. इसलिए खतरे को देखते हुए संवेदनशील एयरबेस के लिए स्पेशल रडार, लेजर, और एंटी एयरक्राफ्ट गन की तैनाती करनी होगी. ऐसी बंदूकें आती हैं जो एक मिनट में 4600 राउंड फायर क सकती हैं जिससे कि खतरे को निष्क्रिय किया जा सके, लेजर के जरिए टारगेट को हवा में ही मार गिराया जा सकता है.
सवाल- क्या पाकिस्तान उकसा रहा है, अगर ऐसा है तो क्यों?
अगर दोनों देशों के बीच शांति रहेगी तो पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अपनी अहमियत खो देंगे. पाकिस्तान में आर्मी देश पर शासन करती है और यह ताकत कायम रखने के लिए भारत को स्थायीय खतरा है. इसलिए पाकिस्तान ने भारत केंद्रित मिल-जिहाद परिसर को नहीं तोड़ा है.इसके अलावा पाकिस्तान यह भी नहीं चाहता है कि दुनिया के सामने पीएम मोदी के जम्मू कश्मीर को लेकर किए जा रहे प्रयास सफल साबित हों. पाकिस्तान चाहता है कि जम्मू कश्मीर में हिंसक घटनाएं होती रहें.
सवाल- क्या लाहौर में विस्फोट का कोई अफगान एंगल या कनेक्शन है?
जवाब- जम्मू कश्मीर में आईइडी का बरामद होना और LeT के सदस्य का गिरफ्तार होना जिसे निर्देश दिया गया था कि भीड़भाड़ वाले इलाके में विस्फोट किया जाए. LeT की ओर इशारा करता है हालांकि इसके तार लाहौर से जुड़े हैं यह स्पष्ट होने के लिए और साक्ष्यों की जरूरत है. इसमें कोई अफगानी लिंक नजर नहीं आता है, हालांकि LeT के आतंकियों की अफगानिस्तान में ट्रेनिंग लिए आतंकियों से ड्रोन चलाने और आईइडी बनाने की ट्रेनिंग बढ़ रही है.
सवाल- क्या भारत भी ऐसा कर सकता है?
जवाब- पाकिस्तान अपने मसलों के लिए आतंक का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करता है. भारत अपनी संपत्ति और इलाकों की सुरक्षा के लिए एहतियात बरत सकता है लेकिन भारत ने अबतक आतंकी हमलों को रोकने के लिए उरी और पुलवामा जैसे हमलों के बाद करारे हमले किए हैं.
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