जासूसी मामले में पाकिस्तानी दोषमुक्त, लेकिन...जानें पूरा मामला

अंतिम फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ा है।

Update: 2024-03-18 10:57 GMT
गोरखपुर: गोरखपुर की जेल में बंद पाकिस्‍तानी नागरिक मोहम्‍मद मसरूर उर्फ मंसूर अहमद उर्फ गुड्डू को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जासूसी के आरोप में बंद इस शख्‍स को हाईकोर्ट ने दोषमुक्‍त करार दिया है। हालांकि उसे बिना वीजा-पासपोर्ट के देश में प्रवेश करने का दोषी पाया गया है। कोर्ट ने इस मामले में अंतिम फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ा है। मोहम्‍मद मसरूर, करीब 15 साल से अधिक समय जेल में काट चुका है। जेल प्रशासन ने इस बारे में शासन को सूचित किया है ताकि कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सके।
मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्‍तान के कराची का रहने वाला मंसूर अहमद 2008 में बहराइच जिले से लगी नेपाल सीमा रूपन्‍देही से भारत में घुसा था। उसके पास न पासपोर्ट था, वीजा। पकड़े जाने पर पूछताछ में पुलिस को मंसूर की स्थिति संदिग्‍ध लगी और उसे शासकीय गुप्त अधिनियम, आपराधिक साजिश, बिना पासपोर्ट के प्रवेश सहित अन्य आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ जांच कर चार्जशीट दाखिल की थी।
सुनवाई के बाद नौ अप्रैल 2013 को बहराइच कोर्ट ने मंसूर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उस पर आर्थिक दंड भी लगाया गया था। इसके बाद प्रशासनिक आधार पर मंसूर को वाराणसी से गोरखपुर जिला जेल स्‍थानांतरित कर दिया गया था। उसका मामला हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चल रहा था। हाईकोर्ट ने उसे अन्‍य आरोपों से दोषमुक्‍त करते हुए वीजा-पासपोर्ट के बीच प्रवेश का दोषी पाया। इसके लिए तय सजा से अधिक समय जेल में रह चुकने के कारण अब उसे उसके देश भेजे जाने की सम्‍भावना है।
वरिष्‍ठ जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक को कोर्ट ने जासूसी सहित अन्‍य मामलों में दोषमुक्त किया है। उसे सिर्फ बिना वीजा-पासपोर्ट के प्रवेश करने का दोषी पाया गया है। इसकी तय सजा से अधिक समय वह जेल में रह चुका है। आगे की कार्रवाई के लिए जेल प्रशासन की ओर से पत्राचार किया गया है।
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