खौफ से कांपा पाकिस्तान! चीन को सेना प्रमुख की फाइनल वार्निंग, कहा- हमारे धैर्य की परीक्षा न लें...नहीं जायेगा...
नई दिल्ली: सेना दिवस के मौके पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को करारा संदेश दिया है. सेना प्रमुख ने चीन को संदेश देते हुए कहा है कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए. हालांकि उत्तरी मोर्चे पर जारी सीमा गतिरोध को बातचीत और राजनीतिक उपायों से हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा है.
दिल्ली में सेना दिवस के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे, IAF चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि दी. वहीं सेना दिवस परेड पर चीन पर निशाना साधते हुए सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने सेना दिवस के मौके पर कहा कि सीमा पर एकतरफा बदलाव की साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया गया है और पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
नरवणे ने कहा कि हम बातचीत और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से विवाद हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेनी की गलती नहीं करनी चाहिए. सेना प्रमुख ने आश्वासन दिया कि गलवान के नायकों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. भारतीय सेना देश की अखंडता और सुरक्षा को कोई आंच नहीं आने देगी. दरअसल, पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. हालांकि चीन ने संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या सार्वजनिक नहीं की. वहीं एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के करीब 35 सैनिक मारे गए थे.
सेना प्रमुख ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारत और चीन के बीच आठ दौर की सैन्य वार्ता भी हुई है. आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर वर्तमान स्थिति का समाधान खोजना जारी रखेंगे. इसके साथ ही नरवणे ने भारतीय सेना के जरिए विकसित एक इंडियन आर्मी मोबाइल ऐप को लॉन्च किया. ये ऐप देश के नागरिकों को भारतीय सेना के बारे में विस्तृत जानकारी देगा.
इसके अलावा पाकिस्तान पर भी सेना प्रमुख ने निशाना साधा. पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश आतंकियों को लगातार पनाह दे रहा है. दुश्मन को अन्य सीमा पर कड़ा जवाब दिया जा रहा है. नियंत्रण रेखा पर मौजूद शिविरों में 300 से 400 आतंकी घुसपैठ को तैयार हैं. पिछले साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो पाकिस्तान की भयावह साजिशों को दिखाती है. वे ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी करने की कोशिश भी कर रहे हैं.