भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से पाकिस्तान को लगी मिर्ची, बोला- चुनाव जीतने के लिए भड़का रहे

Update: 2021-12-14 11:22 GMT

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान को 'अनुचित, अनावश्यक और भड़काऊ' करार दिया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी सरकार और उसकी सेना के छद्म युद्ध का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही थी. पाकिस्तान ने कहा है कि ऐसे भड़काऊ बयान उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों में होनेवाले चुनावों को देखते हुए सामने आ रहे हैं.

पाकिस्तान ने कहा है कि वो राजनाथ सिंह की उन टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है, जो ऐतिहासिक तथ्यों पर सवाल उठाते हैं, आतंकवाद को लेकर निराधार आरोप लगाते हैं और पाकिस्तान को धमकाने वाले हैं.
क्या कहा था राजनाथ सिंह ने?
1971 युद्ध के 50 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे 'स्वर्णिम विजय पर्व' के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, '1971 का युद्ध हमें याद दिलाता है कि धार्मिक आधार पर भारत का विभाजन 'ऐतिहासिक गलती' थी और पाकिस्तान तभी से भारत के खिलाफ छद्म युद्ध जारी रखे हुए है.'
उन्होंने आगे कहा था, 'आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देकर पाकिस्तान भारत को तोड़ना चाहता है. भारतीय सैनिकों ने साल 1971 में पाकिस्‍तान की इस योजना पर पानी फेर दिया था और हमारे वीर सैनिक आतंकवाद की जड़ को खत्‍म करने का काम जारी रखे हुए हैं. हमने सीधी लड़ाई में जीत हासिल की है और छद्म लड़ाई में भी हम जीत हासिल करेंगे.'
सिंह के बयान से भड़का पाकिस्तान
रक्षा मंत्री के इस बयान की पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने तीखी आलोचना की है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री का यह 'युद्धोन्मादी बयान' भारत के पाकिस्तान के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दिखाता है.
उन्होंने कहा, 'इतिहास को गलत तरीके से पेश करने, भ्रमपूर्ण सोच का सहारा लेने और झूठी बहादुरी दिखाने में भाजपा को महारत हासिल है. जब भी भारत के मुख्य राज्यों में चुनाव आ रहे होते हैं, इस तरह की चर्चा विशेष रूप से होने लगती है.'
इफ्तिखार अहमद ने कहा कि भारतीय रक्षा मंत्री की 'भड़काऊ बयानबाजी' से किसी तरह का आश्चर्य नहीं हुआ है क्योंकि भाजपा और आरएसएस उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में किसी भी तरह चुनाव जीतना चाहते हैं. इसके लिए वो अति राष्ट्रवाद को उकसाते हैं और चरमपंथी 'हिंदुत्व' एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'भाजपा नेताओं को हम सलाह देते हैं कि वे किसी भी दुस्साहस से दूर रहें और चुनावी लाभ के लिए पाकिस्तान को भारत की घरेलू राजनीति में घसीटना बंद करें.'


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