इंटरनेशनल कोर्ट के दबाव में झुका पाकिस्तान, कुलभूषण जाधव कर सकेंगे मौत की सजा के खिलाफ अपील

Update: 2021-11-17 12:04 GMT

इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के दबाव के चलते पाकिस्तान ने जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत दी है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय के अनुसार कुलभूषण जाधव को अपील करने का अधिकार देने के लिए पाकिस्तान की संसद की संयुक्त बैठक में एक विधेयक पारित किया गया है। अब कुलभूषण जाधव उच्च अदालतों में अपनी सजा के खिलाफ अपील कर पाएंगे। पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को उन्होंने बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया है वो पाकिस्तान में भारत के लिए जासूसी कर रहे थे।

इससे पहले जून में पाकिस्‍तान की संसद के निचले सदन नैशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को उच्‍च अदालतों में अपील करने की मंजूरी देने वाले बिल को अपनी स्‍वीकृति दे दी थी। सैन्‍य अदालत की ओर से मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव को अपील करने का अधिकार नहीं था। इस पर अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय ने पाकिस्‍तान को लताड़ लगाई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने 10 अप्रैल 2017 को बयान जारी कर कहा था कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने ईरान से अगवा किया है और उनके पास इस बात के कोई सबूत नहीं है कि कुलभूषण जाधव वहां जासूसी कर रहे थे।
पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि कुलभूषण जाधव पूर्व भारतीय नौसैनिक हैं और पाकिस्तान में कई खतरनाक गतिविधियों में शामिल थे। इन्हे 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था। इसपर भारत सरकार का कहना है कि कुलभूषण जाधव पूर्व नौसैनिक है जो नैसेना से रिटायरमेंट ले चुके हैं। अब एक व्यापारी की हैसियत से ईरान गए थे जहां उन्हे पाकिस्तान ने अगवा कर लिया।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को फांसी की सजा सुनाई थी। 18 मई 2017 को इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान के इस फैसले पर रोक लगा दी। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में दिए फैसले में कहा था कि पाकिस्तान जाधव को दोषी ठहराने के फैसले और सजा की 'प्रभावी तरीके से समीक्षा और पुनर्विचार करे' और साथ ही बिना देरी के भारत को राजनयिक पहुंच दे। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान जाधव को सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए उचित मंच मुहैया कराए।
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