चंडीगढ़। चंडीगढ़ में शनिवार की सुबह सात बजे से लेकर सोमवार शाम को पांच बजे तक हुई बरसात के कारण पूरा पंजाब इस समय जलमग्न है। पटियाला, रोपड़, नवांशहर, फतेहगढ़ साहिब , जालंधर और फाजिल्का जिले अभी भी पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं। मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने आज एक बार फिर से प्रभावित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से बात करके हालात का जायजा लिया। वहीं, राजस्व विभाग ने अब तक हुए नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस बाढ़ के कारण दस लोगों की मौत हुई है जिसमें रोपड़ जिले में दो, होशियारपुर जिले में दो,जालंधर में एक, नवांशहर में दो, मोगा में एक और फतेहगढ़ साहिब में दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि इस दौरान कितनी फसल बर्बाद हुई है इसका आकलन नहीं हो सका है क्योंकि ज्यादातर इलाकों से पानी अभी निकला नहीं है। सोमवार शाम से बरसात बंद होने के कारण बाढ़ ग्रस्त इलाकों में राहत जरूर महसूस की जा रही है क्योंकि पानी तेजी से निकल रहा है। हालांकि, यह उन इलाकों के लिए चिंताजनक है जहां पर यह पानी जा रहा है।
बाढ़ की चपेट में आने के कारण जिन दस लोगों की मौत हुई है उनके परिवारों को चार लाख रुपए देने की घोषणा की है। पंजाब के विभिन्न इलाकों में कई मकान आदि भी टूटे हैं अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ऐसी बर्बाद हुई जायदादों की गिनती 20 है। इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा सड़कों का भी नुकसान हुआ है लेकिन चूंकि अभी अंतिम रिपोर्ट नहीं आई है और विभागीय अधिकारियों की पहली प्राथमिकता बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने को लेकर इसलिए अभी गिरदावरी होने और इंफ्रास्ट्रक्चर के नुकसान का आकलन करने में समय लग सकता है। अभी तक की प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार रोपड़ से 1480 और पटियाला से 107 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कुछ जिलों से रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इसके अलावा पशुपालन विभाग से इस बाढ़ का शिकार हुए उन पशुओं जिन पर किसानों व अन्य की आजीविका निर्भर करती है कि रिपोर्ट भी मंगवाई जा रही है। एक सीनियर विभागीय अधिकारी ने बताया कि भैंस आदि जैसे दुधारू पशु के मरने पर 37500 रुपए देने का प्रावधान है जबकि एक बकरी के मरने पर 4000 रुपए दिए जाते हैं।