संगठित अपराध-सिमी सांठगांठ का भंडाफोड़, नक्सली भाग रहे हैं: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। राज्यों की कानून व्यवस्था, बॉलीवुड, धार्मिक मुद्दों, समान नागरिक संहिता के विवाद भोपाल से नई दिल्ली तक अक्सर सुर्खियों में रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी 2003 से (कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 15 महीनों को छोड़कर) राज्य में सत्ता में है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जो अक्सर अपने बयानों से सुर्खियां बटोरते है, वह राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद भाजपा का सबसे लोकप्रिय राजनीतिक चेहरा बन गए हैं, उन्होंने विशेष साक्षात्कार में आईएएनएस से सवालों के जवाब दिए।
सवाल: पिछले साल, दो बड़े शहरों - भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्तालय (कमिश्नरेट) प्रणाली शुरू की गई थी। तब से चीजें कैसे बदली हैं और क्या यह प्रणाली कुछ अन्य जिलों में लागू की जाएगी?
मिश्रा का जवाब: पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम बड़ा कदम है और निश्चित तौर पर इसकी जरूरत है। हम जनवरी में मुख्यमंत्री के साथ नतीजों की समीक्षा करेंगे और फिर इस संबंध में और घोषणाएं कर सकते हैं।
सवाल: समाज में तेजी से हो रहे बदलाव के साथ पुलिस को कई भूमिकाएं निभानी हैं। एक 'आधुनिक पुलिसिंग' प्रणाली की मांग है। पिछले कुछ वर्षों में क्या कदम उठाए गए हैं और गृह विभाग कौन से नए कदम उठाने जा रहा है?
मिश्रा का जवाब: पुलिस ने हमेशा कई भूमिकाएं निभाई हैं लेकिन साइबर क्राइम के आने से पुलिस कार्रवाई के तरीके बदल गए हैं क्योंकि अपराधी दूर से ही सांठगांठ कर रहे हैं। समाज के प्रति पुलिस की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं और बेहतर सेवा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें बेहतरीन उपकरण और बुनियादी ढांचे की जरूरत है। हमने राज्य भर में कई साइबर सेल स्थापित किए हैं। हम केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं और आधुनिक प्रणालियां शुरू की जा रही हैं।
सवाल: मध्य प्रदेश में करीब दो दशक से भाजपा सत्ता में है, इस अवधि में विशेष रूप से सार्वजनिक सुरक्षा के मुद्दों में क्या सुधार हुआ है और आगे क्या चुनौतियां हैं?
मिश्रा का जवाब: देखिए, ये ऑन रिकॉर्ड है कि 2003 में जब बीजेपी की सरकार बनी थी, तब मध्य प्रदेश में माफिया गैंग, डकैत और नक्सलियों का पूरा कंट्रोल था। लोगों को पुलिस पर भी भरोसा नहीं था। तो पहली बड़ी उपलब्धि यह है कि पुलिस के प्रति लोगों की धारणा बदली है। अब लोगों को पुलिस पर भरोसा है और यह बदलाव रातों-रात नहीं आया, बल्कि राज्य की पूरी पुलिस व्यवस्था के अथक प्रयासों से ऐसा हो सका है।
उन्होंने कहा- पुलिस के प्रति धारणा बदली है क्योंकि संगठित अपराध का गठजोड़ पूरी तरह से नष्ट हो गया है। वर्तमान में संगठित अपराध का कोई नेक्सस नहीं है। बढ़ता नक्सलवाद हमारे सामने एक बड़ी चुनौती थी, जिस पर हमने काबू पा लिया है। पिछले 18 सालों में पुलिस ने राज्य के किसी भी हिस्से में नक्सलवाद को पनपने नहीं दिया। मध्य प्रदेश में सिमी का नेटवर्क पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है और हमने पीएफआई को भी नियंत्रित कर लिया है। 2003 से पहले चीजें बिल्कुल विपरीत थीं।
सवाल: लेकिन अपराध के बढ़ते ग्राफ और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री पर विपक्ष क्यों हमलावर रहता है?
मिश्रा का जवाब: हमने नेक्सस क्राइम पर काबू पा लिया है। पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में डकैत हुआ करते थे, लेकिन आज एक भी डकैत नहीं मिलेगा। लोग इस डर में रहते थे कि कभी भी उनका अपहरण हो सकता है, यह अब बदल गया है। लोगों में दहशत पैदा करने की कोशिश करने वालों को पूरी तरह तबाह किया जा रहा है। हजारों एकड़ जमीन जिस पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर रखा था, अब गरीबों को घर बनाने के लिए दे दी गई है।
अगर कांग्रेस हमें रोजमर्रा के अपराध के मुद्दों पर निशाना बनाती है, तो उन्हें करना चाहिए लेकिन यह एक अलग विषय है। आपको बता दें कि पिछले एक साल में मध्य प्रदेश पुलिस ने एक करोड़ रुपये से अधिक के इनामी नक्सलियों को मार गिराया है, मारे गए लोगों में ज्यादातर एरिया कमांडर थे और वह अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे और एके-47 से लैस थे।
सवाल: 'हिंदू धर्म की रक्षा' और 'सनातन संस्कृति' के नाम पर बॉलीवुड पर आपके लगातार हमले ने विवाद खड़ा कर दिया है। आप इसका जवाब कैसे देंगे?
मिश्रा: क्या मुझे चुप रहना चाहिए और उन्हें हमारी समृद्ध हिंदू और सनातन संस्कृति को गलत तरीके से पेश करने देना चाहिए? वह कला की आजादी के नाम पर लोगों को परेशान करते रहेंगे और कोई उनके खिलाफ नहीं बोलेगा, हम किस तरह की धारणा बना रहे हैं? मैं उनकी कला की स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन किसी भी कीमत पर उन्हें हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं दूंगा। ऐसा क्यों है कि वह हर बार हिंदू देवी-देवताओं पर ऐसा करते हैं और दूसरों धर्मों के साथ ऐसा करने की हिम्मत नहीं करते। मैं अपने सनातन धर्म की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।
सवाल: विपक्ष और धार्मिक मुद्दों पर आपकी मुखर आलोचना से यह धारणा बनी कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री कट्टरपंथी हैं, लेकिन आप अक्सर काव्य पंक्तियों के साथ अपने व्यंग्य से लोगों और यहां तक कि विपक्ष को भी प्रभावित करते हैं। आप इसे क्या कहेंगे?
मिश्रा: मैं नहीं कह सकता कि लोगों की मेरे बारे में कैसी धारणा है लेकिन वह यह भी जानते हैं कि मेरे द्वारा उठाए गए सवाल गलत नहीं हैं। विपक्ष के बारे में मैं कहूंगा कि वह राजनीतिक विरोधी हैं दुश्मन नहीं। लोकतंत्र सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के योगदान से फलता-फूलता है और हमें हमेशा इसका सम्मान करना चाहिए।
सवाल: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर विवाद छिड़ा है। एमपी सरकार पहले ही पेसा अधिनियम पेश कर चुकी है और राज्य में यूसीसी को लागू करने की घोषणा कर चुकी है। दूसरी ओर, विपक्ष ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा पर 'सांप्रदायिक कार्ड' खेलने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर आपका क्या विचार है?
मिश्रा: यदि यूसीसी की आवश्यकता नहीं थी, तो डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने इसकी सिफारिश क्यों की? लेकिन कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने 70 साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के बावजूद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। समय आ गया है जब हमें एक विधान, एक संविधान और एक राष्ट्र के साथ आगे बढ़ना होगा। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला हो, तीन तलाक हो, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम हो या पीएम मोदी के नेतृत्व में उठाया गया कोई भी प्रगतिशील कदम हो, कांग्रेस को इसमें केवल राजनीति दिखती है क्योंकि उन्होंने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति की है।
सवाल: मध्य प्रदेश 2023 में हाई-वोल्टेज विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रहा है, भाजपा चुनाव के लिए कैसे तैयार है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि नरोत्तम मिश्रा बैक एंड से पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
मिश्रा: बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी। मध्य प्रदेश के लोगों ने 1993 से 2003 तक 10 साल और फिर 2018 से 2020 में 15 महीने के लिए कांग्रेस शासन देखा। मध्य प्रदेश ने भाजपा सरकार के तहत चौतरफा विकास देखा है। हम प्रधानमंत्री मोदी और हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस इन दिनों दिवास्वप्न (दिन में सपने) में जी रही है, लेकिन प्रदेश की जनता भाजपा के विकास एजेंडे के साथ है।
सवाल: नए साल पर मध्य प्रदेश के लोगों के लिए आपका क्या संदेश है?
मिश्रा: मैं सभी को नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, साथ ही मैं उनसे अपील करूंगा कि वह कोविड सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें और कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए शांतिपूर्वक इस अवसर को मनाएं।