नूंह। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के पशु विज्ञान केन्द्र, गुरुग्राम व पशुपालन एवं डेयरी विभाग, नूंह द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा प्रायोजित पशुधन जागृति अभियान के तहत गांव हसनपुर, ब्लॉक तावड़ू, जिला नूंह (मेवात), हरियाणा में आज शुक्रवार को जागरुकता एवं प्रजनन शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लुवास विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ वीरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि इस शिविर का आयोजन लुवास कुलपति प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा के दिशा निर्देशन में हो रहा है, उन्होंने लुवास विश्वविद्यालय की विभिन्न सेवाओं के बारे में पशुपालकों को विस्तार से बताया तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वृहद बाजार का फायदा उठाने के लिए पशुपालकों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उप निदेशक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, नूंह डॉ. वीरेंद्र सिंह सहरावत ने पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में पशुपालकों को बताया। पशुओं में होने वाली बीमारियों के बचाव के लिए टीकाकरण करवाने का आह्वान किया, जिसमे खुरपका-मुंह पक्का, गलघोटू, लंगड़ा बुखार मुख्य रोग है।
लुवास के पशु विज्ञान केंद्र, गुरुग्राम प्रभारी व कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कृष्ण यादव ने शिविर के विभिन्न उदेश्यों के बारे बात करते हुए बताया कि इस शिविर में 252 पशुपालकों ने अपना पंजीकरण करवाया तथा 229 विभिन्न पशुओ जैसे गाय, भैंस, कुत्ता, भेड़, बकरी का अलग-अलग बीमारियो के लिए शल्य चिकित्सा एवं इलाज लुवास हिसार एवं पशुपालन एवं डेयरी विभाग, नूंह के विशेषज्ञों एवं पशु चिकित्सको द्वारा किया गया। जागरूकता एवम प्रजन्न शिविर में मुख्यतः पशुओं की विभिन्न समस्याओं जैसे बांझपन, परजीवियों की समस्या, गर्भाधान की जाँच, फूल दिखाने की समस्या, थनैला, सरन आदि का मौके पर ही निदान किया गया। जागरूकता अभियान में पशुपालकों को खनिज मिश्रण के बारे में जागरूक किया गया। चिकित्सा शिविर में इंडियन इम्युनोलॉजिकल द्वारा दवा व खनिज मिश्रण का निशुल्क वितरण किया गया।
लुवास के पशु प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष, डॉ आनंद पांडेय ने पशुओं में गर्मी के लक्षण, कृत्रिम गर्भाधान का सही समय तथा डेयरी पशुओं में प्रजनन के प्रबंधन बारे में पशुपालकों को जागरूक किया। डॉ पांडेय ने आव्हान किया कि पशुओं की नस्ल सुधार के लिए पशु पालक अपने पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान करवाए ताकि पशु की अगली पीढ़ी अच्छी नस्ल की हो तथा पशु अच्छा उत्पादन देता रहे। लुवास के पशु पोषण विभाग की वैज्ञानिक डॉ नैंसी श्योरान ने पशु पोषण का प्रजनन पर प्रभाव व पशुओं के आहार में मिलेटस के उपयोग के बारे में पशुपालको को जागरूक किया। उन्होंने बताया की पशु को अच्छा पोषण शारीरिक विकास के लिए जरूरी है तथा पशु पालक अपने पशु से सस्ता दुग्ध उत्पादन मिलेटस का उपयोग करके कर सकते हैं, इसके लिए जरूरी है की पशु आहार संतुलित, सुपाच्य एवं किफायती हो। डॉ नैंसी ने पशुपालकों को बताया की गर्भित पशु को भी अच्छे पोषण की जरूरत है क्योकि पशु के गर्भ में पलने वाले बच्चे को अच्छा पोषण मिलता रहे ताकि उसका शारीरिक विकास होता रहे। इस प्रजनन व चिकित्सा शिविर में लुवास के वैज्ञानिकों की टीम में डॉ नीलेश सिंधु, डॉ संदीप गोयल आदि के साथ-साथ टीम के अन्य सदस्य शामिल रहे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग, नूंह की तरफ से उपमंडल अधिकारी, नूंह डॉ. सुरेन्द्र यादव, पशु चिकित्सक डॉ नकुल, डॉ गोविन्द, डॉ. लक्ष्य, डॉ सुनील, श्री लाल चंद, वी.एल.डी.ए. व अन्य स्टाफ ने सहयोग किया। किसान क्लब गुरुग्राम के चेयरमैन राव मान सिंह ने पशुपालकों को आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया। हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ की वैज्ञानिक डॉ ज्योति ने मंच का संचालन किया। कार्यक्रम अंत में हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र महेंदरगढ़ के वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र यादव ने मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि, पशुपालको एवं लुवास के वैज्ञानिको,पशु पालन विभाग के अधिकारीयों का आभार प्रकट किया। इस शिविर के सफल आयोजन में आशीष मालिक, अजय कुमार, बिजेंद्र, आसिफ व पशु विज्ञान केन्द्र गुरुग्राम के श्री गौरव रेवड़ी व अन्य कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।