कुख्यात ड्रग माफिया को एक साल तक हिरासत में रखने का आदेश, जाने क्या है पूरा मामला

क्या होता है पीआईटीएनडीपीएस एक्ट?

Update: 2021-06-21 05:26 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े और कुख्यात ड्रग माफिया के तौर पर जाने जाने वाले शराफत शेख की हिरासत को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. ये कदम केंद्रीय एडवाइजरी बोर्ड ने प्रीवेंशन ऑफ इल्लिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक्स ड्रग एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट-1988 (पीआईटीएनडीपीएस एक्ट) से मंजूरी मिलने के बाद उठाया है.

पीआईटीएनडीपीएस एक्ट के तहत दिल्ली पुलिस का ये पहला मामला है. दरअसल दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल ने शराफत शेख की हिरासत को एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की थी, जिसे केंद्रीय एडवाइजरी बोर्ड ने मंजूरी दे दी. दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स इकाई इसे बड़ी सफलता मान रही है.
क्या है मामला
डीसीपी चिन्मय विश्वाल का कहना है कि शराफत शेख कुख्यात ड्रग डीलर है. मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए पीआईटीएनडीपीएस एक्ट के तहत दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के नारकोटिक्स सेल ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व ववभाग के पीआईटीएनडीपीएस डिविजन के समक्ष एक प्रस्ताव भेजा था. संबंधित विभाग के संयुक्त सचिव ने शराफत शेख के लिए आदेश जारी किया. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ने 1 जून को हुई सुनवाई में उक्त आदेश को उचित ठहराया. जिसके बाद शराफत शेख की हिरासत 1 साल के लिए बढ़ा दी गयी.
नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस की तस्करी का धंधा करने वाले देश की जनता के स्वास्थ्य, कल्याण और देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है. पीआईटीएनडीपीएस एक्ट में नशे के इस कारोबार की रोकथाम के लिए है, जो देश की जांच एजेंसियों के पास एक अतिरिक्त हथियार है. जिसका मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की संगठित तस्करी यानी आर्गनाइज्ड स्मगलिंग की रोकथाम करना है. साथ ही नशे के कारोबार के सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई करना है. इस कानून के तहत ऐसे पेशेवर आरोपी या अपराधी, जो ड्रग्स की तस्करी के अवैध धंधे में लिप्त हैं, उन्हें एक वर्ष के लिए प्रिवेंटिव डिटेंशन(हिरासत) में लिए जाने का प्रावधान है.
1986 से कर रहा था नशे का कारोबार
दिल्ली पुलिस के अनुसार शराफत शेख 1986 से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है. उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के 5 मामलों समेत 36 आपराधिक मामलों में दर्ज हैं. 5वीं तक पढ़ा शराफत शेख 1977 में गाजियाबाद में एक ढाबे पर काम करता था. जिसके बाद वह दिल्ली के मीना बाजार में एक दुकान पर काम करने लगा. साल 1986 में उसे दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 324/325 के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया था. जेल में उसकी दोस्ती ईनायत नामक एक ड्रग तस्कर से हुई और उसके बाद से वह मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त हो गया. दिल्ली-एनसीआर में शराफत शेख एक कुख्यात नाम बन गया.
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