वित्त मंत्रालय का आदेश, केंद्रीय अधिकारी और कर्मचारी करेंगे एयर इंडिया से ही यात्रा

Update: 2021-10-27 16:30 GMT

केंद्र सरकार के कर्मचारी और अधिकारी LTC समेत अन्य कार्यालय के कार्य के लिए एयर इंडिया से ही यात्रा करेंगे. इस संबंध में वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए हैं. वहीं, एयर इंडिया ने क्रेडिट फैसिलिटी भी मंत्रालयों की खत्म कर दी है और वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को विमानन कंपनी के बकाया का भुगतान करने को कहा है. साथ ही साथ एयरलाइन से नकद में टिकट खरीदने का निर्देश दिया है.

अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने टाटा संस के साथ एयर इंडिया की बिक्री के लिए 18000 करोड़ रुपए के एक शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस महीने की शुरुआत में सरकार ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की इकाई टैलेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2,700 करोड़ रुपए का नकद भुगतान करने और एयरलाइन के कुल कर्ज के 15,300 करोड़ रुपए से अधिक की जिम्मेदारी लेने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था. उसके बाद 11 अक्टूबर को टाटा समूह को एक आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया था, जिसमें पुष्टि की गई थी कि सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की इच्छा रखती है. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा था, 'एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए सरकार ने आज टाटा संस के साथ शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए.'

एयर इंडिया के निदेशक (वित्त) विनोद हेजमादी, नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र मिश्रा और टाटा समूह के सुप्रप्रकाश मुखोपाध्याय ने शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर किए थे. टाटा संस को दिसंबर के अंत तक एयरलाइन का वास्तविक नियंत्रण अपने हाथों में लेने से पहले अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) सहित विभिन्न नियामक संस्थाओं से मंजूरी लेनी होगी. सरकार एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के अपने 100 प्रतिशत स्वामित्व की बिक्री के साथ ही एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग इकाई एआईएसएटीएस में एयर इंडिया की 50 प्रतिशत हिस्सेदारा का भी विनिवेश कर रही है.


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