बेंगलुरु बैठक में विपक्षी दलों का आरोप, भाजपा ने संवैधानिक प्रावधानों का दुरुपयोग किया
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बेंगलुरु(आईएएनएस)। विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संवैधानिक प्रावधानों के दुरुपयोग पर चिंता जताई और उम्मीद जताई कि इस एकता बैठक से जनता के बीच भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने का संदेश जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, यह ”बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि नरेंद्र मोदी को 9 से 10 साल तक देश पर शासन करने का मौका मिला और इस दौरान उन्होंने लगभग हर क्षेत्र को गड़बड़ कर दिया है। उन्होंने लोगों के बीच नफरत पैदा की है, अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, महंगाई है, बेरोज़गारी है। अब समय आ गया है कि देश को उससे छुटकारा मिले। इसलिए, सभी को एक साथ आने की जरूरत है।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा : “मुझे लगता है कि यह एक अच्छी और सार्थक बैठक है। यह रचनात्मक निर्णय की अवधारणा है।” नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बैठक पटना में शुरू हुई बैठक की अगली कड़ी है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम इस देश में जो भी गलत हो रहा है, उस पर एकजुट रुख अपनाएं। खासकर, जिस तरह से संविधान को खत्म किया जा रहा है, जिस तरह से धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर किया जा रहा है, सभी समझदार पार्टियों को एक साथ आना चाहिए और एकजुट होना चाहिए।“
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि देश और लोकतंत्र को बचाना है। पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश का संविधान खतरे में है। उन्होंने कहा, “गांधीवादी देश को बरगलाया जा रहा है। सभी पार्टियों को एक साथ आने की जरूरत है, भारत के विचार को बचाना होगा।” समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश को बचाने के लिए विपक्ष की एकता जरूरी है। उन्होंने कहा, “लोग जानते हैं कि विपक्ष के नेताओं को कैसे निशाना बनाया जाता है। मैं कहता हूं कि देश की दो तिहाई जनता भाजपा के खिलाफ है। इस बार हम भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हो रहे हैं।” सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र, इसकी विविधता पर जबरदस्त हमला हो रहा है, इसलिए देश की समरसता को बचाने की जरूरत है।