नई दिल्ली (आईएएनएस)| विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार को संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस मार्च में 14 विपक्षी दल के नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड्गे के नेतृत्व में यह मार्च निकाला गया। विपक्षी सांसद अपने साथ 'लोकतंत्र खतरे में है' लिखा एक बड़ा पोस्टर लिए हुए मार्च में शामिल हुए। हालांकि उन्हें पुलिस ने रोक दिया। पुलिस की ओर से कहा गया कि विजय चौक पर धारा 144 लगाई गई है। इसलिए धरना-प्रदर्शन कानूनी अपराध है।
खड़गे ने कहा, पीएम मोदी जनता से कुछ छुपाना चाहते हैं, नीरव मोदी, ललित मोदी जनता से पैसा लूट कर भाग गए और मोदी जी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। आज मैंने सत्ता पक्ष के एक नेता को कहते हुए सुना। वह कह रहे हैं कि हम ओबीसी का अपमान कर रहे हैं। इस देश में किसी ने पैसा कमाया है तो अडानी ने कमाया। पीएम ने उनकी मदद की, इस मुद्दे पर हम जेपीसी चाहते हैं। हम लड़ते रहेंगे। एकजुट होकर लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे।
उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सच बोल रहे हैं, उन्होंने संसद में अडानी से संबंधित मुद्दा रखा। क्या ये गलत है? आज राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा। इसका मतलब क्या है?.. राहुल गांधी ने आज पत्र लिखकर बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। अगर ऐसा ही चलता रहा तो इस देश में निरंकुशता और तानाशाही आ जाएगी। लोकतंत्र को खत्म करने का काम किया जा रहा है। सबको ईडी, सीबीआई का भय दिखाया जा रहा है।
वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, 18 पार्टियां मिलकर यही मांग कर रही हैं कि अडानी के मुद्दे पर केंद्र सरकार जेपीसी बनाए और इसकी जांच की जाए, लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है।
दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यालय के बाहर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने किया।
दरअसल मानहानि मामले में गुरुवार को दोषी करार दिए जाने के बाद कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर ये मार्च निकाला। इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी भी लोकसभा पहुंचे। कार्यवाही शुरू होने से पहले राहुल कांग्रेस सांसदों की बैठक में भी शामिल हुए।