नई दिल्ली (आईएएनएस)| चीन की सीमा पर झड़पों की घटनाओं पर लोकसभा में चर्चा की मांग करते समय विपक्षी एकता गायब दिखाई दी, क्योंकि दो प्रमुख दलों कांग्रेस और टीएमसी ने इस मामले पर अलग-अलग वॉक-आउट किया।
जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ, सदन में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, जिन्होंने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, उन्होंने मामले पर चर्चा की मांग की।
हालांकि, ओम बिरला ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
चौधरी ने कहा कि 1962 में जब भारत-चीन युद्ध छिड़ा था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 160 से ज्यादा सांसदों को संसद में इस मामले पर बोलने का मौका दिया था।
इसके बाद कांग्रेस और एनसीपी सदस्यों ने वॉकआउट किया।
दिलचस्प बात यह है कि टीएमसी सदस्य बैठे रहे।
बाद में, जब शून्यकाल शुरू हुआ, टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने चीन पर चर्चा की मांग की।
विरोध में, टीएमसी सदस्यों ने वाकआउट किया, जबकि कांग्रेस सदस्य एनसीपी और डीएमके सांसदों के साथ बैठे रहे।