नहरों में बहते सैकड़ों रेमडेसिवर शीशी का खुला राज, मास्टर माइंड गिरफ्तार, जाने पूरा मामला

जिसके सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मच गया था.

Update: 2021-07-09 04:28 GMT

पंजाब और राजस्थान की नहरों में बहते सैकड़ों रेमडेसिवर शीशी की गुत्थी सुलझ गई है. राजस्थान पुलिस ने कोरोना के समय नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन बनाकर बेचने वाले मास्टर माइंड मयंक गर्ग को अरेस्ट कर लिया है. पुलिस से बचने के लिए इसी मयंक गर्ग ने रेमडेसिवर की सैंकड़ों वायल नहर में फेंक दीं थीं. जिसके सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मच गया था.

जयपुर पुलिस ने नकली रेमडेसिवर बनाने वाले इस ठग को हिमाचल प्रदेश के मनाली से अरेस्ट किया है. मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मयंक गर्ग जयपुर समेत देश के दूसरे शहरों में नकली इंजेक्शन बनाता है, मयंक ने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के जरिये नकली रेमडेसिवर सप्लाई करने की बात कबूली है.
आरोपी मास्टरमाइंड दिल्ली और चंडीगढ़ में मेडिकल फर्म खोलकर व्यवसाय कर रहा था. लग्ज़री लाइफ जीने के शौकीन आरोपी ने मोटा मुनाफा कमाने के लिए नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू की थी. और जब इस गिरोह के कुछ लोग पकड़े गए तो गिरफ्तारी के डर से इसने उन वायल्स को नहर में फेंक दिया था.
जयपुर पुलिस ने भी स्टिंग ऑपरेशन कर ब्लैक में रेमडेसिवर इंजेक्शन बेचते हुए लोगों को जयपुर में अरेस्ट किया था. मगर जांच में पता चला कि इंजेक्शन ही नकली हैं. इसके बाद पुलिस ने और अधिक धरपकड़ की.
आरोपी मयंक गर्ग की तलाश में राजस्थान पुलिस, पंजाब और हरियाणा में कई दिनों से लगी हुई थी.आरोपी मनाली में लगातार होटल बदल रहा था. जिसकी वजह से इसकी गिरफ़्तारी नहीं हो पा रही थी. पुलिस ने करीब आधा दर्जन दवा डिस्ट्रीब्यूटरों की गिरफ्तारी की थी तब जाकर इसके बारे में पता चल पाया था.
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