वाहनों के हॉर्न में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का होगा इस्तेमाल, नितिन गडकरी ने कहा- जल्द ला रहे कानून
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नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जाए। नासिक में एक राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि वह ऐम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें आकाशवाणी पर बजाए जाने वाली अधिक कर्णप्रिय धुन में बदलने पर विचार कर रहे हैं।
'सायरन को खत्म करना चाहता हूं'
समारोह में नितिन गडकरी ने कहा, 'हमने लाल बत्ती खत्म कर दी है। अब मैं इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं। अब मैं ऐम्बुलेंस और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं।' गडकरी ने कहा कि गाड़ियों में बजने वाले तेज हॉर्न और सायरन काफी परेशान करने वाले होतें और कई बार तो ऐक्सिडेंट का कारण भी बनते हैं।
'हॉर्न में यूज होने वाले तेज आवाजों से कानों को नुकसान पहुंचता है'
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, 'एक कलाकार ने आकाशवाणी के लिए एक धुन बनाया और इसे सुबह-सुबह बजाया गया। मैं उस धुन को ऐम्बुलेंस के लिए इस्तेमाल करने की सोच रहा हूं ताकि लोगों को अच्छा लगे। खासकर मंत्रियों के गुजरते समय सायरन का इस्तेमाल जोरदार आवाज में किया जाता है जो बहुत परेशान करने वाला होता है। इससे कानों को भी नुकसान पहुंचता है।'
'जल्द कानून लाने की योजना बना रहा हूं'
नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न से भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज आए, ताकि उन्हें सुनना कर्णप्रिय रहे।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये की लागत वाला मुंबई-दिल्ली राजमार्ग पहले से ही निर्माणाधीन है, लेकिन यह भिवंडी से होते हुए जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट-मुंबई की परिधि तक पहुंचता है।