राजसमंद। राजसमंद राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में वन क्षेत्रों के बाहर अधिकाधिक पौधरोपण कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले को पौधरोपण के लिए लक्ष्य भी दिए गए थे, लेकिन इस बार मानसून की नाममात्र की बारिश होने के कारण जिले में बामुश्किल 44 प्रतिशत पौधों की बिक्री हुई, जबकि शेष 56 प्रतिशत पौधों को अगले साल तक संभाल कर रखना होगा। सरकार ने बजट घोषणा में वन क्षेत्रों के बाहर पौधरोपण करने की घोषणा की थी। इसके तहत राजसमंद के वन विभाग की नर्सरी में 8.50 लाख पौधे तैयार किए गए। इसमें छह माह और 12 माह के पौधे शामिल है। वन क्षेत्रों के बाहर अधिकाधिक पौधरोपण के लिए पंचायतों एवं स्थानीय निकायों को भी लक्ष्य आवंटित किए। इसके साथ ही वन विभाग ने कॉलोनियों में जाकर पौधों की बिक्री की इसके बावजूद बामुश्किल 3,68,790 पौधों की बिक्री हो पाई है।
इसके कारण अब शेष पौधों को वन विभाग की नर्सरी में रखा जाएगा और अगले साल काम में लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की ओर से 6 माह का पौधा 9 और 12 माह का पौधा 15 रुपए में उपलब्ध कराया गया। जिले में बिपरजॉय तूफान के चलते जून माह में शानदार बारिश हुई। इसके बाद मानसून की बारिश का दौर शुरू हुआ, लेकिन जुलाई माह में बामुश्किल दो-तीन और अगस्त माह में सिर्फ एक बार बारिश हुई। इसके कारण मानसून की बारिश अब तक औसत बारिश का आंकड़ा भी छू नहीं पाई है। जिले के जलाशयों में भी बिपरजॉय तूफान के तहत हुई बारिश से ही पानी की आवक हुई है। इसके कारण ही झील का जलस्तर 27 फीट के करीब पहुंचा है। आगामी 15 सितम्बर से बाद मानसून विदा हो जाता है। ऐसे में आगामी 10 दिन में बारिश की उम्मीद है।