इस जगह ब्लड बैंक में सिर्फ 3 यूनिट ब्लड, राम भरोसे मरीज

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Update: 2021-09-23 02:00 GMT

जामताड़ा. जिलास्तरीय ब्लड बैंक में रक्‍त की खतरनाक स्‍तर तक कमी हो गई है. हालात ये हो गए हैं कि दुर्भाग्‍यवश यदि 4-5 मरीजों को एक साथ खून की जरूरत पड़ जाए तो ब्‍लड बैंक इसके लिए नाकाफी साबित हो जाएगा. यहां पहले 50 से 100 यूनिट तक ब्लड रहता था. ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन लक्ष्मण प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में मात्र 3 यूनिट ही ब्लड है, जबकि यहां प्रतिदिन 7 यूनिट ब्लड की जरूरत है.

आपको बता दें कि एक लंबे अरसे की मांग के बाद पिछले वर्ष जामताड़ा में ब्लड बैंक स्थापित किया गया था. ब्लड बैंक में 200 यूनिट ब्लड स्टोरेज की क्षमता है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग यहां बेहद ही कम संख्‍या में रक्‍तदान करते हैं. ब्‍लड बैंक में बेहद ही कम ब्‍लड होने के चलते मरीजों के परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ये लोग जरूरत पड़ने पर रक्तदाता को ढूंढ़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं, ताकि उन्हें ब्लड मिल सके. जिले में थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया आदि से पीड़ि‍त मरीजों को तत्काल रक्त उपलब्ध कराने का प्रावधान है. इन मरीजों के परिजन से बदले में खून लेने की बाध्यता नहीं रहती है.
जानकारी के अनुसार, जिले में 35 मरीज हैं, जिन्हें सप्ताह या पखवाड़े में एक बार रक्त की आवश्यकता होती है. इसके अलावा गर्भवती महिला, प्रसूता महिला, सड़क दुर्घटना में जख्मी आदि को रक्त की आवश्यकता पड़ती है. जिले में एकमात्र ब्लड बैंक है. खून की आवश्यकता की तुलना में रक्त की उपलब्धता कम रहती है. नतीजतन मरीज की जान बचाने के लिए परिजनों को इधर-उधर भटकना पड़ता है.
जिलास्तरीय एकमात्र ब्लड बैंक में 8 प्रकार के ग्रुप के रक्त का भंडारण अनिवार्य है, लेकिन जामताड़ा ब्लड बैंक में ए निगेटिव 1, ए पाजीटिव 1 और एबी निगेटिव 1 यूनिट ब्लड है. शेष पांच ग्रुप के रक्त उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में पांच ग्रुप से संबंधित रक्त की आवश्यकता वाले मरीजों को बाहर से खून की व्‍यवस्‍था करने को मजबूर होना पड़ता है.
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