प्याज की कीमतें फिर आसमान की ओर बढ़ने लगी हैं. देश के कई शहरों में प्याज का खुदरा रेट 50 से 70 रुपये के आसपास पहुंच गया है. चेन्नै में प्याज 73 रुपये किलो हो गया है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज आयात के नियमों में ढील दी है.
इससे पहले कि हालात और बिगड़ें सरकार सक्रिय हो गई है. घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश के लिए सरकार ने बफर स्टॉक से बाजार में ज्यादा प्याज आपूर्ति करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि इन दिनों त्योहारी सीजन चल रहा है, ऐसे में प्याज की भारी कीमत से जनता में गुस्सा बढ़ सकता है. वैसे भी आलू, टमाटर जैसी सब्जियों की कीमत काफी ज्यादा चल रही है. इसलिए प्याज की कीमतों पर अंकुश के लिए सरकार ने दो कदम उठाये हैं.
क्या कदम उठाये
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एक तो प्याज के आयात के नियमों में थोड़ी ढील दी गई है और दूसरे बाजार में बफर स्टॉक से ज्यादा प्याज आपूर्ति करने का फैसला किया गया है. सरकार ने इसी महीने प्याज के निर्यात पर रोक लगाई है.
मंत्रालय ने कहा, '15 दिसंबर तक प्याज के आयात के लिए प्लांट क्वारंटीन ऑर्डर, 2003 के तहत फ्यूमिगेशन और फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट के लिए शर्तों को नरम बनाया गया है.' मंत्रालय ने कहा कि प्याज की खरीफ की करीब 37 लाख टन आवक जल्द ही मंडियों में आएगी जिससे कीमतों पर अंकुश लग सकता है.
यही नहीं, भारतीय उच्चायुक्तों से कहा गया है कि वे संबंधित देशों के व्यापारियों से संपर्क कर उन्हें भारत में प्याज निर्यात के लिए प्रोत्साहित करें.
चेन्नै में 73 रुपये किलो प्याज
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मंगलवार को चेन्नै में प्याज की कीमत 73 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. दिल्ली में प्याज 51 रुपये प्रति किलो, कोलकाता में 65 रुपये प्रति किलो और और मुंबई में 67 रुपये प्रति किलो पर बिक रही है.
क्यों बढ़ रही प्याज की कीमत
बारिश की वजह से प्याज के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में फसल बर्बाद हुई है जिससे इसकी आपूर्ति पर असर पड़ा है. महाराष्ट्र के नासिक में जहां मंडी है, वहीं प्याज की खुदरा कीमत 66 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.