ONGC को मिला स्वदेशी हाइड्रोलिक सिस्टम, देश में बढ़ेगी पेट्रोलियम उत्पादन क्षमता

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Update: 2022-03-08 18:28 GMT

पेट्रोलियम खोज और उत्पादन क्षेत्र में केंद्र सरकार (Central Government) के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मंगलवार को एक नई ऊंचाई हासिल हुई है. अब देश में बनी अत्याधुनिक ऑटोमेटेड हाइड्रोलिक सिस्टम पेट्रो रिग यानी एक विशेष सशक्त ड्रिल, जो जमीन में 6000 मीटर यानी 6 किलोमीटर गहराई तक उच्च तापमान और दबाव में काम करेगी. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) द्वारा तैयार की गई 2000 हॉर्स पावर कि इस रिग को आज सरकार के सार्वजनिक उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) को सौंप दिया है. माना जा रहा है कि यह कदम खोज और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने कि दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

MEIL के हाइड्रो कार्बन विंग के टेक्नीकल हेड सत्यनारायण कोटिपल्ली ने ONGC को रिग सौंपने के मौके पर बताया कि मेक इन इंडिया यानी आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कंपनी ने यह उच्च क्षमता वाली रिग तैयार की है, जिसे सी4आर1 रिग कहा जाता है. यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित और निर्मित किया गया है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि कुछ उपकरणों कि आपूर्ति अन्य देशों से की गई है. कोटिपल्ली ने कहा कि यह रिग दुनिया में पहली ऑटोमेटेड हाइड्रोलिक सिस्टम पर आधारित है. इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि महज एक इंजीनियर कि निगरानी में पूरे रिग को चलाया जा सकता है, क्योंकि रिग में एक ऑटोमेटेड कंप्यूटर स्वचलित ड्रिलर केबिन है. ये केबिन तमाम जोखिमों को कम करती है और अलर्ट सिस्टम के जरिए हरेक पार्ट कि खराबी या उसमें होने वाली कमी के बारे में रियल टाइम जानकारी देती है.

पहली बार देश में बनी रिग करेगी इतनी गहराई में काम
कोटिपल्ली ने बताया कि आधुनिक तकनीक पर आधारित इस रिग यानी उच्च क्षमता वाली ड्रिल कि रखरखाव कि लागत काफी कम है. यह पहला मौका है जब देश में बनी रिग उच्च तापमान और भारी दबाव में 6000 मीटर यानी 6 किलोमीटर कि गहराई तक काम करने में सक्षम है. यह एक ऐसी मशीन है जो 2000 हॉर्स पावर की है. लेकिन 3000 हॉर्स पावर कि पारंपरिक रिग के बराबर काम करने कि क्षमता रखती है.MEIL ने अब तक ONGC को 10 ऐसी रिगो कि आपूर्ति की है. इनमें से तीन शुरू की जा चुकी है, जबकि सात जल्द चालू हो जाएंगी. यह विशेष रिग ऑनशोर यानी कि जमीनी क्षेत्र में ONGC को पेट्रोलियम उत्पादो कि खोज करने एवं उत्पादन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी. MEIL ने मेहसाणा, अहमदाबाद, अंकलेश्वर, अगरतला और शिबसागर ओएनजीसी क्षेत्रों को पांच वर्क ओवर रिगो कि पहली खेप कि आपूर्ति की है.

ONGC असेट के लिए सभी रिगों का हो रहा निर्माण
मेघा लिमिटेड के मुताबिक ONGC से कुल 47 रिग तैयार करने का आदेश मिला है. इनमें से 20 वर्कओवर रिग हैं, जबकि 27 जमीन पर ड्रिलिंग वाली रिग है. 20 वर्कओवर रिग में 50 मिट्रिक टन क्षमता के 12 शामिल हैं. चार रिग 100- मिट्रिक टन के हैं और बाकी चार में 150- मिट्रिक टन की क्षमता वाली है. 27 भूमि ड्रिलिंग रिगों में से दो 1,500 HP की क्षमता के मोबाइल हाइड्रोलिक रिग हैं और 17 AC VFD रिग हैं, जिनकी क्षमता 1,500 हॉर्स पावर है. 6 अन्य AC VFD रिग हैं, जिनकी क्षमता 2,000 HP है और दो अन्य 2,000 हॉर्स पावर के HT VFD रिग हैं.


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