गांव में रोजाना हो रही एक की मौत, 45 दिन के अंदर 50 से ज्यादा लोगों की खांसी और बुखार से गई जान
दहशत का माहौल
प्रयागराज। कोरोना की दूसरी लहर में कई गांवों में दर्जनों लोग काल के गाल में समा रहे हैं. इनमें कई लोगों की मौतें जहां कोरोना से हुई हैं, वहीं कई लोगों की मौत बीमारी या अन्य वजहों से भी हुई हैं. कई मामलों में खांसी और बुखार के लक्षणों के बाद मौत हुई है, लेकिन जांच न होने की वजह से उसे कोरोना (COVID-19) से हुई मौतों में शामिल नहीं किया जा रहा है. प्रयागराज शहर से 35 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर विकास खंड के मेण्डारा गांव में ही बीते डेढ़ महीने में 50 से ज्यादा लोगों की मौत से ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है. इतनी बड़ी तादाद में मौतों से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.
देखा कि इतनी बड़ी तादाद में मौतों के बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं. गांव में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है. वहीं, सरकारी अमला गांव में बीते डेढ़ महीने में 35 से 36 मौतों की बात ही स्वीकार कर रहा है, जिसमें से सिर्फ एक व्यक्ति की मौत ही कोरोना से बताई जा रही है. अन्य मौतों को लेकर लेखपाल अनिल पटेल और रोजगार सेवक रामबाबू मौर्या का कहना है कि ज्यादातर लोग 60 वर्ष से ऊपर की आयु के थे और किसी न किसी बीमारी से पीड़ित भी थे.
गांव में बड़ी संख्या में मौतों के बाद लोगों में दहशत की बात रोजगार सेवक भी स्वीकार कर रहे हैं. नव निर्वाचित ग्राम प्रधान महेश्वर कुमार सोनू के मुताबिक गांव में लगभग 45 लोगों की मौत हुई है. उनके मुताबिक गांव में इन मौतों के बाद आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सर्वे टीमों ने सर्वे जरूर किया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम अब तक गांव नहीं आई है और न ही लोगों की कोविड जांच कराई गई है. इसके साथ ही गांव में सैनिटाइजेशन भी नहीं कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है.