बंगाली नववर्ष के अवसर पर ममता बनर्जी ने कालीघाट मंदिर में जाकर की पूजा-अर्चना
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कोलकाता: लोकसभा चुनाव के दौरान ताबड़तोड़ रैलियों और जनसभाओं के बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कालीघाट मंदिर पहुंची. बंगाली नववर्ष की पूर्व संध्या पर उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक किया. साथ ही बेलपत्र भी अर्पित किया.
बता दें कि बंगाली नववर्ष अप्रैल महीने के मध्य में मनाया जाता है. इस दौरान बंगाली लोग एक-दूसरे को ‘शुभो नोबो बोरसो’ कह कर नए साल की बधाई देते हैं. ‘शुभो नोबो बोरसो’ का मतलब होता है नव वर्ष मुबारक हो. आमतौर पर यह अप्रैल महीने की 14 तारीख को मनाया जाता है. बंगाल में इसे पोहला बोईशाख कहा जाता है. यह बैशाख महीने का पहला दिन होता है. पोएला का अर्थ है पहला और बोइशाख बंगाली कैलेंडर का पहला महीना है. बंगाली कैलेंडर हिन्दू वैदिक सौर मास पर आधारित है.
बंगाल में बोइशाख का पूरा महीना शुभ माना जाता है. पोइला बैसाख पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं, सफेदी करते है. सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. बंगाली लोग इस दिन अधिकतर समय पूजा-पाठ और रिश्तेदारों-दोस्तों से मिलने-जुलने में लगाते हैं. इस अवसर पर घरों में खास पकवान बनाये जाते हैं. बंगाल में इस दिन परिवार की समृद्धि और भलाई के लिए पूजा होती है. इस दिन कोलकाता के कालीघाट मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखी जा सकती है. कालीघाट का काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.
इससे पहले ममता ने जलपाईगुड़ी में रैली की. इस दौरान ममता ने दावा किया कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में 200 सीटें भी नहीं जीत पाएगी. पार्टी उम्मीदवार निर्मल चंद्र रॉय के लिए एक चुनावी रैली में बोलते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने भाजपा पर देश के संविधान को नष्ट करने का भी आरोप लगाया.
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा 200 सीटें भी नहीं जीत पाएगी. उन्होंने उत्तर बंगाल के लिए क्या किया है? पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी के झांसे में न आएं. ये चुनावी जुमले के अलावा कुछ नहीं हैं. टीएमसी सुप्रीमो ने बीजेपी नेता अमित मालवीय का नाम लिए बिना, एनआईए द्वारा बेंगलुरु विस्फोट मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह कहने के लिए उनकी आलोचना की.