भागवतकथा की पूर्णाहुति पर देवकीनंदन ठाकुर महाराज के सानिध्य में निकाली सनातन यात्रा
भीलवाड़ा। सनातन धर्म का लक्ष्य किसी को मिटाना या दुःख देना नहीं है पर कोई हमे मिटाने की बात करें तो ऐसा होने नहीं देंगे। हम ओर कुछ नहीं ये याद रखे कि हम सनातनी है ओर सनातन से महान कोई धर्म नहीं है। हमे जाति से पहले अपना धर्म याद रखना है। धर्म ही नहीं बचा पाए तो जाति का क्या करेंगे। महाराणा प्रताप की इस वीर भूमि पर संकल्प ले कि सनातन पर उठने वाली हर अंगुली को नीचा कर देंगे। किसी में इतना दम नहीं होगा जो सनातन धर्म को मिटा सके। ये विचार परम पूज्य शांतिदूत पं. देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने शनिवार को शहर के आरसी व्यास कॉलोनी स्थित मोदी ग्राउण्ड में विश्व शांति सेवा समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव के अंतिम दिन विभिन्न प्रसंगों का वाचन करने के दौरान व्यक्त किए। इस दौरान द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष प्रसंगों का वाचन करने के साथ अंत में व्यास पूजन पूर्णाहुति हुई। कथा के दौरान पांडाल में निरन्तर राधे-राधे के जयकारे गूंजते रहे और हर तरफ भक्ति से ओतप्रोत माहौल दिखा। कथा श्रवण के लिए मोदी ग्राउण्ड पर शहरवासियों के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी भक्तों का सैलाब उमड़ा था। कथा के दौरान विभिन्न भजनों पर भी श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर होकर थिरकते रहे। कथा पूर्णाहुति पर हजारों भक्तों के संग कथा स्थल मोदी ग्राउण्ड से देवरिया बालाजी तक सनातन यात्रा शांतिदूत पं. देवकीनंदन ठाकुर महाराज के सानिध्य में निकाली गई।
इसमें खुली कथावाचक ठाकुर खुली जीप में सवार थे ओर कथाश्रवण करने आए श्रद्धालु उनके संग चल रहे थे। इस दौरान सनातन धर्म के जयकारे गूंजते रहे। अतिथियों का स्वागत करने के साथ आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी भक्तगणों के प्रति आयोजन समिति के संयोजक श्यामसुन्दर नौलखा, अध्यक्ष आशीष पोरवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट हेमेन्द्र शर्मा, महासचिव एडवोकेट राजेन्द्र कचोलिया, समिति के कोषाध्यक्ष राकेश दरक, सचिव धर्मराज खण्डेलवाल, सह सचिव बालमुकुंद सोनी, संयुक्त सचिव दिलीप काष्ट आदि पदाधिकारियों ने आभार जताया। श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन भी विभिन्न प्रसंगों के वाचन के दौरान बीच-बीच में भजनों की धारा प्रवाहित होती रही। इन भजनों पर हजारों श्रद्धालु थिरकते रहे। जैसे ही व्यास पीठ से महाराज भजन शुरू करते कई श्रद्धालु अपनी जगह खड़े होकर नृत्य करने लगते। उन्होंने जैसे ही मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है भजन गाया पूरा पांडाल ही कृष्ण भक्ति में लीन हो गया ओर हजारों भक्तगण थिरकने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने गयों रे जमानो थारो बाता में आदि भजनों से भक्तगणों को भगवान की भक्ति में रंगते हुए झूमने के लिए मजबूर कर दिया। आयोजन समिति के संयुक्त सचिव दिलीप काष्ट ने बताया कि अंतिम दिन हनुमान टेकरी के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा, शिवनारायण अनिल दरक, फूलचंद दरक, सुभाष दरक, विद्यासागर विजय दरक, सुरेश कुसुम जाजू, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष कुलदीपसिंह, रंजना कोठारी, प्रतिभा मण्डोवरा, कैलाश अटल, अतुल श्रीमाली, सुरेश पोरवाल, जगदीश मूंदड़ा, सुशील बांगड़, रामनारायण लड्ढ़ा, दिलीपसिंह राणावत, संदीप पोरवाल, अशोक बाहेती, रामकिशन सोनी, कैलाश कोठारी, प्रकाश चपलोत आदि ने व्यास पीठ की आरती करके देवकीनंदन ठाकुर से आशीर्वाद प्राप्त किया।