डेल्टा के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ा रहा ओमिक्रॉन, लेकिन WHO की चीफ साइंटिस्ट इस कारण परेशान

Update: 2022-01-19 05:20 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार घट रही है. राजधानी में मंगलवार को करीब साढ़े 11 हजार मामले दर्ज किए गए, जबकि मुंबई में ये संख्या घटकर लगभग छह हजार रह गई है. इस बीच कई एक्सपर्ट ने दावा किया है कि कोरोना का नया वैरिएंट इंसान की इम्यूनिटी बढ़ाने का काम कर रहा है. इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन का महत्वपूर्ण बयान सामने आया है.

स्वामीनाथन ने कहा, 'ओमिक्रॉन का इंफेक्शन डेल्टा के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ा सकता है, लेकिन यह तभी संभव है जब आप कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेट हैं. अगर आपने कोरोना वैक्सीन के शॉट नहीं लिए हैं तो नया वैरिएंट काम नहीं करेगा.' उन्होंने कहा कि नया इंफेक्शन वैक्सीनेशन का विकल्प नहीं है, जैसा कि कुछ लोग सुझाव दे रहे हैं.
एक हालिया स्टडी पर प्रतिक्रिया देते हुए WHO की चीफ साइंटिस्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रतिक्रिया में मदद करता है. अनवैक्सीनेटेड लोगों के लगभग समान और लो न्यूट्रिलाइजेशन के साथ शुरू करने के बावजूद वैक्सीनेटेड लोगों में वायरस को बेअसर करने की क्षमता अधिक पाई गई है. यानी वैक्सीनेट लोगों में डेल्टा के खिलाफ न्यूट्रिलाइजिंग इम्यूनिटी बढ़ी है. जबकि अनवैक्सीनेटेड लोगों के साथ ऐसा नहीं हुआ है.
वास्तव में, न्यूट्रिलाइजेशन के आधार पर ओमिक्रॉन की तुलना में वैक्सीनेट लोगों का डेल्टा से ज्यादा बचाव हुआ है. इसलिए नए इंफेक्शन से अनवैक्सीनेटेड लोगों की इम्यूनिटी को जोड़ना सही नहीं है. ओमिक्रॉन का न्यूट्रिलाइजेशन कुल मिलाकर डेल्टा इंफेक्शन से बहुत ज्यादा मेल नहीं खाता है. शायद ओमिक्रॉन के एक हल्का वैरिएंट होने की वजह से ऐसा होता है.
ऐसी उम्मीद है कि ओमिक्रॉन डेल्टा के री-इंफेक्शन के दरवाजों को बंद कर सकता है. बशर्ते लोगों को वैक्सीनेट किया जाए. एक्सपर्ट का कहना है कि अनवैक्सीनेटेड लोग ओमिक्रॉन से अतिरिक्त बचाव खो देते हैं और इसी वजह से डेल्टा के खिलाफ उनकी इम्यूनिटी बूस्ट नहीं हो पाती है.
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