देश में ओमिक्रॉन के मामले 650 के पार, अभी नहीं चेते तो...सावधानी है जरूरी

Update: 2021-12-28 05:39 GMT

नई दिल्ली: भारत में कोरोना का नया वैरिएंट (New variant of Covid-19) तेजी से अपने पैर पसार रहा है. ओमिक्रॉन (Omicron variant) देश के 21 राज्यों में पहुंच चुका है. यहां ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 650 के पार हो गई है. तेजी से बढ़ते इन मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों के लिए कई तरह के निर्देश जारी किए हैं ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. विदेशों में ये वैरिएंट पूरी तरह हावी हो चुका है और एक्सपर्ट्स का दावा है कि आने वाले दिनों में भारत में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिल सकती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स- कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (KIMS), हैदराबाद के निदेशक डॉक्टर संबित के अनुसार, भारत में जनवरी 2022 के अंत तक Coid-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है. उन्होंने ANI को बताया, 'जनवरी के अंत तक कोरोना के मामले बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि हम दुनिया से अलग नहीं हैं. पूरी दुनिया जिस चुनौती का सामना कर रही है, हमें भी उसका सामना करना होगा.'
डॉक्टर संबित ने कहा, 'अभी तक हमने COVID-19 के मामलों में वृद्धि नहीं देखी है, लेकिन अब ये धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हम ये निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि ये ओमिक्रॉन की वजह से हो रहा है या फिर डेल्टा की वजह से क्योंकि इसके लिए जेनेटिक टेस्टिंग की जरूरत है. इनमें से अधिकतर लोगों को बुखार, सिरदर्द, बंद नाक और खांसी की समस्या हो रही है. अभी तक हमने ऐसा मरीज नहीं देखा है जिसे सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी हो.'
डॉक्टर ने कहा कि भारत में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर (third wave of Covid) आ सकती है. उन्होंने कहा, 'अस्पतालों में ऑक्सीजन, वैक्सीन और दवाओं जैसी सभी चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था कर ली गई है. दुनिया जिस चीज का सामना अभी कर रही है, आने वाले दिनों में हम भी उसी का सामना करेंगे.'
ओमिक्रॉन के मरीजों में दिख रहे हैं ये लक्षण- डॉक्टर्स के मुताबिक, डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों में 4 अलग-अलग लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इसमें थकान, जोड़ों का दर्द, सर्दी और 102 से लेकर 108 डिग्री तक तेज बुखार महसूस हो रहा है. वहीं दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स का कहना है कि ओमिक्रॉन की संक्रामकता बहुत तेज है लेकिन इसकी वजह से हल्की बीमारी ही हो रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक निश्चित रूप से वैक्सीन इसे संक्रामक होने से रोकेगी लेकिन जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है उसमें ये खतरा 100 फीसद है.
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