हे भगवान…पसंद की लड़की से शादी करने ऐसा कौन करता है भाई, पहुंचा जेल
कोर्ट में पेश करने के बाद युवक को जेल भेज दिया गया।
गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां किराए की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर ने पसंद की लड़की से शादी करने के लिए खुद को यूपी पुलिस में एसआई बताया। फिर उस झूठ को सच साबित करने के लिए वर्दी पहनकर घूमने लगा। जब पुलिस ने चेकिंग के दौरान कार के डैशबोर्ड में पी कैप मिलने पर पूछताछ की तो युवक की नकली दरोगा बनने की काहनी सामने आ गई। पुलिस को उसके पास से एक वर्दी, पुलिस आईडी चार पहिया गाड़ी बरामद हुआ। कोर्ट में पेश करने के बाद युवक को जेल भेज दिया गया।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि पकड़े गए फर्जी दरोगा की पहचान खजनी थाना क्षेत्र के कंदराई गांव के दुर्गेश कुमार पासी पुत्र रामेंद्र पासी के तौर में हुई है। पूछताछ के दौरान दुर्गेश ने बताया कि उसकी शादी चार साल पहले पिपरौली की रहने वाली पूजा के साथ हुई है। जब शादी हुई तब वह एसआई की तैयारी कर रहा था। साल 2022 में उसने पत्नी और ससुराल वालों से बताया कि वह यूपी पुलिस में उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हो गया है। जबकि उस समय पर किराये पर गाड़ी चलता था।
पूजा ने एक दिन दुर्गेश से कहा कि वर्दी में कभी उसकी फोटो नहीं देखी। उसने वीडियो कालिंग कर ट्रेनिंग के दौरान की फोटो दिखाने की जिद करने लगी। दुर्गेश ने पुलिस को बताया कि उसने सीतापुर के एक टेलर की दुकान से वर्दी का पूरा सेट लिया और उसे पहनकर बीवी से बात करने लगा। इसके अलावा ट्रेनिंग में काफी पैसा खर्च होने की बात कहते हुए उसने ससुरालवालों से पैसा भी वसूला। जब पत्नी साथ रहने की जिद करने लगी तो दुर्गेश ने सीतापुर में कमरा उसे साथ रखने लगा। दिनभर गाड़ी चलाता जब घर जाना होता तब वर्दी पहन कर दरोगा बन जाता था। फिलहाल इस तरह से चलता रहा और चार महीने बाद पत्नी को बताया कि उसकी पोस्टिंग हापुड़ हो गई है और उसे समझा-बुझाकर घर भेज दिया। फिर वर्दी पहन कर वसूली के खेल में लग गया।
दुर्गेश फर्जी वर्दी और आईडी कार्ड के साथ क्षेत्र में घूमकर आम लोगों को डराने धमकाने लगा। स्वीफ्ट डिजायर गाड़ी यूपी53 डीजे 3940 से चलता और डैसबोर्ड पर पुलिस की धौंस जमाने के लिए पी कैप रखता था। जिससे कोई रोक टोक न हो साथ ही टोल टैक्स पर भी पैसा न देना पड़े। इस दौरान कैंट पुलिस की चेकिंग में पकड़ा गया। डैशवोर्ड पर पी कैप रखकर चलने वालों की चेकिंग का पहले से अभियान चल रहा था। यही वजह है कि दुर्गेश से पूछताछ और जांच हुई तो पूरी घटना सामने आई और वर्दी भी बरामद किया गया।