अवैध कब्जा हटाने में अधिकारी करते हैं हीलाहवाली, चेतावनी के बाद आननफानन में टीम गठित, तीन दिन में कब्जा हटाने के निर्देश

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Update: 2022-01-04 05:52 GMT

डेमो फोटो 

बहराइच। जरवल विकास खंड के नियामतपुर गांव के कटान पीड़ितों को आवंटित की गई भूमि से भूमाफिया का कब्जा हटाने को लेकर तहसील प्रशासन हरकत में आ गया है। कटान पीड़ितों द्वारा लखनऊ-बहराइच हाईवे को जाम करने की चेतावनी के बाद प्रशासन ने आननफानन टीम गठित कर छह जनवरी तक कब्जा हटाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन के निर्देश के बाद पीड़ितों ने राहत की सांस ली हैं।

जरवल विकास खंड के नियामतपुर गांव 14 वर्ष पूर्व घाघरा नदी में समाहित हो गया था। घाघरा ने गांव के अस्तित्व को समाप्त कर गांव के 52 परिवारों को खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर कर दिया था। 11 वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम ने क्षेत्र के 52 कटान पीड़ितों को दो-दो बिस्वा भूमि का आवंटन कर राजस्व के अभिलेखों में दर्ज कराया था। लेकिन भूमि पर क्षेत्र के दबंगों ने अपना कब्जा कर लिया था। पीड़ितों का आरोप था कि जरवल नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन पुत्र समीम अहमद ने स्थानीय पुलिस की मदद से जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया था। पीड़ित भूमि को खाली कराने के लिए आंदोलित थे। जमीन को खाली कराने के लिए गुस्साए कटान पीड़ित रामचंदर, राजाराम, राम बहादुर, गनेश, सुरेश, रामबरन आदि ने मुख्यमंत्री समेत अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर 10 जनवरी को लखनऊ-बहराइच हाईवे मार्ग को जाम करने की चेतावनी दी थी।
पीड़ितों की खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। प्रशासन ने सोमवार को तत्काल खबर का संज्ञान लेते हुए तहसील प्रशासन को भूमि से कब्जा हटाने को लेकर टीम गठित कर छह जनवरी तक कब्जा हटाने का निर्देश दिया है। इसके निर्देश के बाद तहसील प्रशासन ने भी आननफानन टीम को गठित कर सोमवार को ही कटान पीड़ितों से मुलाकात कर सभी से वार्ता की। वार्ता के बाद टीम ने सभी को छह जनवरी तक भूमि से कब्जा हटाने का आश्वासन दिया है।
मामले में एसडीएम कैसरगंज महेश कुमार कैथल ने बताया कि उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश के चलते कटान पीड़ितों को आवंटित जमीन से कब्जा नहीं हटाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि न्यायालय में अब भूमाफिया की याचिका खारिज हो गई है। एसडीएम ने बताया कि नायब तहसीलदार की अगुवाई में राजस्व व पुलिस विभाग की टीम को गठित कर जमीन की पैमाइश कराकर छह जनवरी तक जमीन से कब्जा हटाकर पीड़ितों को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।


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