घूस लेते अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार, विभाग ने रंगे हाथों पकड़ा
बड़ी कार्रवाई
बिहार सरकार के निर्देश पर जिले में घूसखोरों के खिलाफ निगरानी विभाग की कार्रवाई शुरू की गई है। बेगूसराय जिले में घूसखोरी के मामले में बड़े अधिकारी से छोटे कर्मचारी तक निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं। उसके बाद भी घूसखोर अधिकारी व कर्मचारी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। पटना निगरानी विभाग की टीम ने जिला भू-अर्जन कार्यालय के घूसखोर नाजिर मनोरंजन कुमार चौधरी उर्फ मनोज व एक अमीन रामचंद्र प्रसाद को 25-25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा है।
जिला मुख्यालय स्थित जिला भू-अर्जन कार्यालय के नाजिर व एक अमीन के निगरानी के द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। निगरानी की यह कार्रवाई वादी कौशल किशोर सिंह की शिकायत पत्र के आलोक में हुई है। साबेहपुरकमाल थाना के शालिग्रामी गांव निवासी पीड़ित कौशल किशोर सिंह का आरोप है कि एनएच विस्तारीकरण में उनकी जमीन एनएच के द्वारा अधिग्रहण की गई थी। इसके एवज में 38 लाख रुपए विभाग के द्वारा वादी को मिलना था। लेकिन, अब तक पांच लाख रुपए ही मिल पाया था। बार-बार शिकायत के बावजूद आरोपितों के द्वारा 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। उसके बाद ही शेष 33 लाख रुपये के लिए फाइल आगे बढ़ाने की बात कही जा रही थी।
मुआवजा राशि नहीं मिलने से परेशान कौशल किशोर सिंह ने थक-हारकर 12 जुलाई को पटना निगरानी कार्यालय में शिकायत करते हुए अपनी पीड़ा सुनाई। शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग के द्वारा एक टीम का गठन कर शिकायत का सत्यापन कराया गया। उसके बाद निगरानी ने दोनों घूसखोरों को दबोचने के लिए जला बिछाया। जैसे ही कौशल किशोर सिंह ने दोनों आरोपितों को 25-25 हजार रुपये दिया कि दोनों आरोपित रंगेहाथ निगरानी के हत्थे चढ़ गया।
निगरानी विभाग के डीएसपी सर्वेश सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत मिलने के बाद विभाग ने पूरी जांच-पड़ताल के बाद आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की है। फिलहाल निगरानी विभाग की टीम आरोपित अमीन रामचंद्र प्रसाद व नाजिर मनोरंजन कुमार चौधरी उर्फ मनोज को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। निगरानी विभाग जानना चाह रहा है कि नाजिर व अमीन की घूसखोरी के इस खेल में कहीं और अधिकारी तो शामिल नहीं हैं।