एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण में एक बार फिर बड़ी धांधली का मामला सामने आया है। इसको लेकर प्राधिकरण के नोएडा ट्रैफिक सेल के अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है। अब मामला नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी तक पहुंच गया है। आरोप है कि ट्रैफिक सेल के अधिकारियों ने एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा नुकसान किया है और इसका हर्जाना प्राधिकरण को भुगतना होगा।
क्या है पूरा मामला: ढींगरा ब्रदर्स (इंडिया) ने शिकायत करते हुए कहा कि नोएडा के सेक्टर-94, 105, 124, 127, 128, 129, 132, 142, 143, 151, 158, 159, 160 और 168 की सड़कों पर थर्मोप्लास्टिक रोड मार्किंग पेंट, रोड स्ट्डस समेत अन्य काम के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। ट्रैफिक सेल पर आरोप लगाया है कि एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में कुछ विशेष शर्तों को जोड़ दिया गया। टेंडर के तहत मैटेरियल टेस्ट सर्टिफिकेट किसी विशेष टेस्ट लेबोरेट्री का ही होना सुनिश्चित नहीं किया गया है।
सीईओ रितु माहेश्वरी तक पहुंचा मामला: इससे साफ है कि सेल के अधिकारियों ने कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर में मनचाही शर्तें जोड़ दी। इन शर्तों के कारण हमारी कंपनी को टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने से वंचित किया गया। कंपनी ने सीईओ से इस टेंडर को निरस्त कर इस मामले की जांच करा ट्रैफिक सेल के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
डीजीएम एसपी सिंह बोले- शर्तें बिल्कुल सही हैं: इस बारे में नोएडा ट्रैफिक सेल के डीजीएम एसपी सिंह का कहना है कि टेंडर की शर्तें बिल्कुल सही हैं। किसी भी कंपनी को फायदा या नुकसान पहुंचाने की मंशा से टेंडर जारी करने का मतलब ही नहीं उठता। गौरतलब है कि पिछले महीने ही वर्क सर्किल-1 की ओर से पार्किंग चलाने के लिए एक ऐसी कंपनी का लगभग चयन कर लिया गया था। जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज थी। सीईओ के मामला संज्ञान में आने पर टेंडर को निरस्त कर दिया गया था।