दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया है. इसमें मीडिया हाउस एजीआर आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और बेनेट कोलमैन एवं कंपनी लिमिटेड को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई आपत्तिजनक कंटेट अपलोड नहीं किया जाएगा या उनके चैनलों पर नहीं दिखाया जाएगा.
न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष मामले में दस्तावेजों को पूरा करने के लिए 18 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया. न्यायाधीश ने कहा, ''इस बीच नौ नवंबर के अंतरिम आदेश को जारी रखा जाएगा.'' उन्होंने मामले की सुनवाई की तारीख 23 मार्च तय की.
उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड निर्माताओं को जवाब पर प्रतिक्रिया के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. अदालत को सूचित किया गया कि मीडिया घराने एवं अन्य पक्ष का मुकदमे के लिए अपना जवाब है.
इसने इससे पहले बॉलीवुड के निर्माताओं की याचिका पर रिपब्लिक टीवी, इसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और संवाददाता प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ के प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और समूह संपादक नविका कुमार तथा सोशल मीडिया कंपनी गूगल , फेसबुक तथा ट्विटर से जवाब मांगा था.
मुकदमा बॉलीवुड के चार संगठनों एवं उनके 34 प्रमुख निर्माताओं ने दायर किया था जिसमें आमिर खान, शाहरूख खान, सलमान खान, करण जौहर, अजय देवगन, अनिल कपूर, रोहित शेट्टी तथा यशराज फिल्म्स और आर एस इंटरटेनमेंट शामिल हैं. इन्होंने आग्रह किया है कि चैनलों को उद्योग से जुड़े लोगों की निजता के अधिकार में हस्तक्षेप करने से रोका जाए.
सोमवार की सुनवाई के दौरान निर्माताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव नैयर ने कहा कि अगर मीडिया घराने अदालत के पहले के आदेश पर सहमत होते हैं कि वे अपने सोशल मीडिया मंचों पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड नहीं करते हैं या अपने समाचार चैनलों पर उन्हें नहीं दिखाते हैं तो मुकदमे का निस्तारण हो सकता है.
इस हलफनामे का बेनेट कोलमैन कंपनी के प्रतिनिधि संदीप सेठी ने विरोध किया जिन्होंने कहा कि वह सुझाव पर सहमत नहीं हैं और मुकदमे की सुनवाई के आधार को चुनौती देते हैं. इससे पहले मीडिया घरानों के वकील ने उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वे कार्यक्रम संहिता और केबल टीवी नेटवर्क्स (विनियमन) कानून का पालन करेंगे.