नॉएडा न्यूज़: पिछले एक महीने के दौरान रह-रहकर बारिश पड़ रही है। जिसकी वजह से मौसम सुहावना बना हुआ है, लेकिन गर्मी ने दस्तक दे दी है और शहर में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा को विद्युत आपूर्ति करने कंपनी नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने कमर कस ली है। एनपीसीएल मैनेजमेंट का मानना है कि इस साल पीक सीजन के दौरान शहर में बिजली की मांग 700 मेगावाट तक पहुंच सकती है। दूसरी ओर एनपीसीएल और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण मिलकर ग्रेटर नोएडा के पावर सप्लाई सिस्टम को नए सिरे से तैयार कर रहे हैं। जिसका पूरा ब्लूप्रिंट बन चुका है। एनपीसीएल का कहना है कि काम भी शुरू हो गया है।
इस तरह बढ़ेगी बिजली की मांग: एनपीसीएल के वाइस प्रेसिडेंट सारनाथ गांगुली ने बताया कि इस वक्त बिजली की मांग 330 से 400 मेगावाट तक चल रही है। अप्रैल महीने के आखिर तक यह मांग बढ़कर 500 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। मई, जून और जुलाई के महीनों में शहर को 650 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ेगी। अगस्त और सितंबर के महीनों में सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है। उस वक्त ग्रेटर नोएडा को करीब 700 मेगावाट बिजली चाहिए होगी।
तीन जोन में बांटा गया शहर: सारनाथ गांगुली ने आगे बताया, "ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास वाले इलाकों में तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है। शहर में औद्योगिक इकाइयों की संख्या भी बढ़ रही है। जिसके चलते साल-दर-साल बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ी है। अभी तक ग्रेटर नोएडा शहर के पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर पर बिजली सप्लाई की जा रही थी। जो आगे संभव नहीं है। अब पूरे शहर के पावर सप्लाई और ग्रेड सिस्टम को बदला जा रहा है। सारनाथ गांगुली का कहना है कि पूरे ग्रेटर नोएडा को 3 जोन में बांट दिया गया है। आने वाले वर्षों के दौरान इन तीनों जोन में 7 पावर स्टेशन के जरिए बिजली आपूर्ति होगी।"
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए अलग व्यवस्था: गांगुली के मुताबिक पहला जोन सूरजपुर और ग्रेटर नोएडा वेस्ट इलाका है। वहां 3 पावर स्टेशन जलपुरा, नॉलेज पार्क-5 और सूरजपुर होंगे। इन तीनों स्टेशन से विद्युत आपूर्ति की जाएगी। दूसरे जोन में ग्रेटर नोएडा शहर का मुख्य हिस्सा शामिल किया गया है। जिसमें ज्यादातर रेजिडेंशियल एरिया है। इस इलाके में 2 पावर स्टेशन बिजली देंगे। पहला नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-148 में है। दूसरा पावर स्टेशन आरसी ग्रीन है। आरसी ग्रीन ग्रेटर नोएडा शहर का सबसे पुराना पावर स्टेशन है। तीसरे जोन में कासना और उससे आगे के ग्रामीण इलाकों को शामिल किया गया है। उस क्षेत्र में भी 2 पावर स्टेशन तैयार हो रहे हैं। एक पावर स्टेशन सेक्टर इकोटेक-8 और दूसरा सेक्टर इकोटेक-10 में बन रहा है। वह पूरा इलाका औद्योगिक और ग्रामीण है।
जल्दी नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा: सारनाथ गांगुली ने आगे कहा, "ग्रेटर नोएडा शहर के लिए बिजली आपूर्ति के लिए नया आधारभूत ढांचा अगले एक साल में मुकम्मल हो जाएगा। इसके बाद कई दशकों तक इसी सिस्टम के जरिए ग्रेटर नोएडा में विद्युत आपूर्ति होगी। गर्मी के सीजन से निपटने के लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। बिजली की कोई कमी नहीं है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों, गांवों, इंडस्ट्रियल एरिया और कमर्शियल क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति होगी।"