हिंदुत्व पर अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री का आया बयान, जानें क्या कहा?

Update: 2021-11-18 03:33 GMT

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पिछले कुछ समय से हिंदू धर्म और हिंदुत्व को अलग-अलग बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं. राहुल गांधी हिंदू धर्म को समावेशी बताते हैं और हिंदुत्व को बीजेपी की नफरत भरी विचारधारा का हिस्सा.

बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना की है. कुरैशी का कहना है कि इस क्षेत्र में वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा भारत सरकार की हिंदुत्व विचारधारा से उत्पन्न हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान एक सक्रिय विदेश नीति का पालन कर रहा है जो राष्ट्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक गतिशीलता के प्रति संवेदनशील है.
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (एनडीयू) में छात्रों को दिए गए अपने संबोधन में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान के पास तेजी से बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त लचीलापन और अनुभव है. कुरैशी 'पाकिस्तान की विदेश नीति और चुनौतियों की रूपरेखा' विषय पर बात कर रहे थे. उनके इस संबोधन को सुनने के लिए कई मिलिट्री ऑफिसर्स भी पहुंचे थे. इसके अलावा इस विश्वविद्यालय से जुड़े कई अंतर्राष्ट्रीय छात्र भी वहां मौजूद थे.
'दक्षिण एशिया में शांति कश्मीर मुद्दे के हल होने के बाद ही आएगी'
कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है. उन्होंने ये भी कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर नतीजे के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत की है. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को कश्मीर मसले पर अवैध एक्शन लेने के बाद पाकिस्तान ने दृढ़ संकल्प के साथ कश्मीर के मुद्दे को दुनिया भर में उठाया है और भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर प्रकाश डालने की कोशिश की है.
कुरैशी ने आगे कहा कि भारत के उकसावे के बावजूद पाकिस्तान ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरीडोर को खोलने की शुरुआत की. इस प्रयास के साथ ही भारत और दुनिया भर में सिख समुदाय के लोगों को दुनिया के सबसे पवित्र स्थल जाने का वीजा-मुक्त मौका मिला. उन्होंने आगे कहा कि हमारे ये सभी प्रयास पीएम इमरान खान के दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जिसमें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, धार्मिक सद्भाव और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल है.
कुरैशी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति को बदलते रुझानों के हिसाब से ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने मौजूदा साझेदारियों को फिर से मजबूत करने और साझा हितों, पारदर्शिता और संप्रभुता के सम्मान के आधार पर नए संबंधों को स्थापित करने की कोशिश की है. उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने हितों को सर्वोच्च रखा है. हमें ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता सुरक्षित रहे और पाकिस्तान का विकास का एजेंडा आगे बढ़ता रहे.


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