नई दिल्ली: दिल्ली में 100 फीसदी कोरोना टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सभी जिला कार्यालयों में वॉर रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। इनके माध्यम से कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को कॉल कर उन्हें टीका लगवाने के लिए कहा जाएगा। दिल्ली के कई जिलों में पहले भी वॉर रूम बनाए गए थे, लेकिन कोरोना के मामले कम होने पर इन्हें बंद कर दिया गया था। सरकार की ओर से सभी वॉर रूम को फिर से युद्ध स्तर पर चालू करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इन वॉर रूम में तैनात कर्मियों का मुख्य कार्य लोगों को फोन कर यह बताना है कि उनकी दूसरी खुराक अभी बाकी है। अधिकारियों के अनुसार, हर जिले में कार्यबल के लोग प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार लोगों को कॉल करते हैं। पश्चिमी जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वॉर रूम के अच्छे नतीजे मिले हैं। उन्होंने कहा कि यहां कर्मचारी दस्तावेजों की जांच करते हैं और उन लाभार्थियों को कॉल कर टीका लगवाने का अनुरोध करते हैं जिन्होंने दूसरी खुराक नहीं ली है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक पहले लगभग प्रत्येक जिले में लगभग पांच लाख लोग थे जिन्होंने दूसरी खुराक नहीं ली थी। यह संख्या घटकर एक लाख रह गई है। लगातार निगरानी करने से यह हासिल हो पाया। उन्होंने कहा कि हर दिन हम लगभग 15 हजार लोगों को कॉल करते हैं और दूसरी खुराक लेने को कहते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान युद्ध स्तर पर जारी है, इसलिए जिन्होंने दूसरी खुराक नहीं ली है उन्हें जल्द ही मिल जाएगी।
दिल्ली में 80 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। शेष 20 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण भी डेढ़ महीने में होने की उम्मीद है। राजधानी में अबतक टीके की कुल दो करोड़ 85 लाख 38 हजार 784 डोज दी जा चुकी हैं। इनमें पहली, दूसरी और सतर्कता डोज लेने वाले शामिल हैं। दिल्ली में टीकाकरण की पहली एक करोड़ डोज लगने में 197 दिन का समय लगा। वहीं, इसके बाद एक से दो करोड़ पहुंचने में मात्र 84 दिन लगे।
राजधानी में मतदाता सूची के अनुसार वयस्कों की कुल संख्या एक करोड़ 47 लाख 95 हजार 549 है। इन सभी वयस्कों को नवंबर तक टीके की एक डोज लगाई जा चुकी थी। साथ ही इनमें से करीब 79 लाख लोगों को टीके की दोनों डोज लग चुकी थी। इस तरह 10 महीने में ही राजधानी की कुल वयस्क आबादी टीके की एक डोज और आधी से ज्यादा वयस्क आबादी दोनों डोज ले चुकी थी। इसके बाद रफ्तार कुछ कम हुई, लेकिन ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने पर रफ्तार दोगुनी हो गई है। पिछले एक महीने से प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोग टीका लगवा रहे हैं।