अब CG के पड़ोसी राज्य MP में भी हिजाब पर सियासत, मंत्री का आया ये बयान

Update: 2022-02-08 09:21 GMT

भोपाल: कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश में हिजाब पर सियासत शुरू हो गई है. राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने फरमान जारी किया है कि स्कूल में बच्चियां सिर्फ ड्रेस में आएं, घर पर हिजाब पहने. मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सरकार स्कूलों के लिए नए ड्रेस कोड पर विचार कर रही है. नए शिक्षण सत्र से स्कूलों में नया ड्रेस कोड लागू हो जाएगा

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कर्नाटक में इसको अनावश्यक रूप दिया गया है, जब हम स्कूल में बच्चों को भेजते हैं तो इसका मतलब स्कूल में हम कुछ सीखने को भेजते हैं, विवाद के लिए नहीं लेकिन कुछ लोगों ने जानबूझकर के एक प्रकार का परंपरागत रूढ़िता को जोड़ने का काम काम किया है वह ठीक नहीं है.
स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि आज के समाज में इस प्रकार का बंधन हर जगह पर रखना ठीक नहीं है, जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनको स्वयं को अपने समाज का आकलन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग नीतिगत फैसले के तहत काम करेगा, किसी के साथ भेदभाव नहीं करेगा.
स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मेरा मानना है लोग अपने घर में हिजाब पहने, बाजार में पहने उससे मेरा कोई लेना देना नहीं लेकिन स्कूल में सिर्फ स्कूल ड्रेस में आएं.
ये सारा विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था जब उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में छह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं. उस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी बवाल शुरू हो गया था.
हाल ही में शिमोगा में भी कॉलेज के अंदर हिजाब विवाद को लेकर बड़ा बवाल देखने को मिला था. पुलिस को आकर मामले को शांत करना पड़ा था. इन सबके बीच कर्नाटक सरकार ने कुछ दिन पहले ही Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से अब सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य हो गया है.
सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है. इस पर मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि वे पहले से हिजाब पहन पढ़ाई करती आ रही हैं, पहले कभी इस पर कोई विवाद नहीं था. हिजाब का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट भी पहुंचा.
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