अब महज 5 दिन में बन जाएगा पासपोर्ट, जानें क्या करना होगा

Update: 2023-02-17 05:37 GMT

दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन का काम अब ऑनलाइन होगा और इसे महज पांच दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। अभी इस काम में 15 दिन लगते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि इस ऑटोमैटिक सिस्टम के लागू होने से अब लोगों को कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी। शाह ने कहा कि रोजाना करीब 2000 पासपोर्ट के आवेदन मिलते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया चालू होने से जनता को सहूलियत होगी।

पुलिस कर्मी ऐप के जरिए करेंगे वेरिफिकेशन

विदेश मंत्रालय ने एम-पासपोर्ट पुलिस ऐप बनाया है। पासपोर्ट वेरिफिकेशन करने वाले पुलिसकर्मी को एक टैब्लेट दिया जाएगा। पुलिसकर्मी घर पहुंचकर डिटेल हासिल करेंगे और चंद मिनटों में अंतरिम रिपोर्ट टैब के जरिये ऐप में दाखिल कर देंगे। इसे जीपीएस सिस्टम से भी जोड़ा गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने यह ऐलान भी किया कि सरकार जल्द ही कई कानूनों में बदलाव करने जा रही है, जिसमें आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को समय और संविधान की भावना के मुताबिक बनाया जाएगा। फरेंसिक और अन्य सबूतों की उपलब्धता के साथ कानूनों को और मजबूत बनाया जाएगा।

'आतंकवाद, उग्रवाद पर कसी नकेल'

शाह ने कहा कि 2014 से 2023 तक काफी बदलाव आए हैं। कश्मीर में 370 हटने के बाद आतंकी घटनाओं में गिरावट आई है। करोड़ों टूरिस्ट आ रहे हैं। पथराव, जुलूस, बंद से कश्मीर मुक्त हो चुका है। शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के आंकड़ों में काफी कमी हुई है। काठमांडू से कन्याकुमारी तक सक्रिय ये उग्रवाद देश के 46 थानों तक सिमट गया है। शाह ने कहा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान पुलिस और एनआईए ने मिलकर उत्तर भारत के क्राइम सिंडिकेट पर नकेल कसी है। इसमें दिल्ली पुलिस का बड़ा रोल है।

दिल्ली में सिविल लाइंस थाना बेस्ट

दिल्ली के पुलिस स्टेशनों के बीच हुई प्रतियोगिता में सिविल लाइंस थाना पहले नंबर पर, शाहदरा थाना दूसरे नंबर पर और ग्रेटर कैलाश तीसरे नंबर पर रहा है। गृह मंत्री ने तीनों थानों के एसएचओ को ट्रॉफी और सर्टिफिकेट भी प्रदान किए। इसके अलावा गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस को पांच मोबाइल फरेंसिक लैब भी सौंपी हैं। जल्द ही दस और सौंपी जानी है, जिससे हर जिले को एक वैन मिल जाएगी। शाह ने कहा कि मोबाइल वैन से फरेंसिक एविडेंस के आधार पर न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।

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