अब पंजाब में 8 मई को लॉकडाउन के विरोध में किसान करेंगे प्रदर्शन

कृषि कानून विरोधी आंदोलन में शामिल पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बुधवार को बैठक कर लाॅकडाउन का विरोध करने का फैसला लिया है।

Update: 2021-05-05 17:03 GMT

हरियाणा: सोनीपत: कृषि कानून विरोधी आंदोलन में शामिल पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बुधवार को बैठक कर लाॅकडाउन का विरोध करने का फैसला लिया है। जत्थेबंदियों ने इसके विरोध में आठ मई को पूरे पंजाब में बाजार खुलवाने का निर्णय लिया है। विरोध स्वरूप उन्होंने व्यापारियों व आमनज का आह्वान किया है कि वे रोजमर्रा के बाजार खोलें और काम पर आएं। बैठक की अध्यक्षता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने की। जत्थेबंदियों ने कहा कि आगामी आंदोलन का अंतिम फैसला संयुक्त मोर्चा की सात मई की संभावित बैठक में लिया जाएगा।

लाॅकडाउन की आड़ में लोगों को बेघर करना चाह रही सरकार
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विभिन्न जत्थेबंदियों के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जगजीत सिंह दल्लेवाल, सतनाम सिंह अजनाला, हरिंदर सिंह लखोवाल आदि ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ने में असफल रही है। सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं व मूलभूत सुविधा जैसे ऑक्सीजन, बेड, दवाइयां आदि देने फेल साबित हुई है। हालांकि, भाजपा सरकार धरनों को कोरोना फैलाने का बड़ा कारण बता रही है, लेकिन यहां आंदोलनकारी जरूरी सावधानियां बरत रहे हैं।
सरकारें अपनी नाकामयाबी छिपा रहीं
उन्होंने कहा कि सरकारें अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए व जन विरोधी फैसले लेने के लिए लाॅकडाउन लगा रही है। सरकार लाॅकडाउन के नाम पर आम आदमी को बर्बाद करना चाहती हैं। पंजाब की 32 जत्थेबंदियों का यह फैसला है कि आठ मई को पंजाब में किसान, मजदूर, दुकानदार बड़ी संख्या में सड़कों पर आकर लाॅकडाउन का विरोध करेंगे। इसके बाद 10 व 12 मई को पंजाब से बड़े-बड़े जत्थे दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना होंगे। जत्थेबंदियों के नेताओ ने कहा कि वे सरकार से बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। वे इसको लेकर पूरी तरह से आशावादी भी हैं। सरकार भी आंदोलनकारियों को बदनाम करना बंद करें व साफ नीयत से बातचीत के लिए आगे आएं।
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