India-China Border Clash: भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसकी वजह चीन है. चीन लगातार उकसाने वाली हरकतें कर रहा है जिससे तनाव कम नहीं हो रहा है. पूर्वी लद्दाख में अब भी दोनों देशों के 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं. पिछले कुछ दिनों से चीन की ओर से ऐसी हरकतें हो रहीं हैं जिसने एक बार फिर से दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
1. गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराया
साल के पहले दिन चीन की सेना ने एलएसी पर गलवान में झंडा फहराया. इसके वीडियो भी सामने आए थे. दावा किया गया कि चीन की सेना ने ये झंडा उसी जगह फहराया था जहां जून 2020 में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. हालांकि, बाद में पता चला कि चीन ने जिस इलाके पर झंडा फहराया था वो जगह उस पॉइंट से काफी दूर थी. चीन की सेना की हरकत का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने भी गलवान में तिरंगा फहराया.
2. पैंगोंग त्सो लेक पर पुल बना रहा चीन
सेना की आवाजाही के लिए चीन बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. नई सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का पता चला है कि चीन पैंगोंग त्सो लेक पर एक पुल भी बना रहा है. ये पुल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों को जोड़ेगा, जिससे चीनी सेना दोनों तरफ कम से कम समय में पहुंच सकेगी. पुल के बनने से झील के दोनों छोरों की दूरी 200 किमी से घटकर 40-50 किमी हो जाएगी. पैंगोंग त्सो झील का एक तिहाई हिस्सा भारत के लद्दाख और बाकी तिब्बत में पड़ता है. विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का कहना है कि अगर चीन कुछ भी हरकत करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
3. अरुणाचल की 15 जगहों के नाम बदले
लद्दाख की तरह ही चीन अरुणाचल प्रदेश पर भी अपने दावेदारी बताता है. चीन ने पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदल दिए. चीन ने इन जगहों के चीनी नामों की घोषणा की. चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थान जिनके नामों में बदलाव किया गया है, इसमें आठ आवासीय स्थान हैं, चार पहाड़, दो नदियां और एक पहाड़ी दर्रा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने को कोशिश की है. चीन ने अप्रैल 2017 में भी नाम बदलने का प्रयास किया था. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, ये सच कभी नहीं बदलेगा.
4. एलएसी पर चीन के 60,000 सैनिक
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पार चीन के 60 हजार सैनिक हैं. सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने लद्दाख के सामने के क्षेत्रों से सभी समर ट्रेनिंग ट्रूप्स को वापस बुला लिया है, लेकिन अब भी सीमा पर उसके 60 हजार सैनिक मौजूद हैं. चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारत ने भी इतने ही सैनिक तैनात कर दिए हैं.