अब देश में दिखेंगी 70 मंजिल तक की इमारतें, कानून को मिली हरी झंडी, जाने कहां?
कई अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी...
गुजरात के पांच बड़े शहरों में गगनचुंबी इमारतों का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने कंप्रीहेंसिव जनरल डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन 2017 Comprehensive General Development Control Regulation, 2017 (CGDCR), कानून को अपनी हरी झंडी दे दी है. इस कानून के तहत गुजरात के पांच बड़े शहर अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, राजकोट और वडोदरा में गगनचुंबी इमारतें बनाई जाएंगी. इन पांच शहरों मं ऊंची इमारत बनाने के लिए सरकार ने 18 अगस्त 2020 को आम लोगों से आपत्ति या सलाह मांगी थी. इसकी मियाद पूरी हो चुकी है. अब जैसे ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने संबंधी आदेश पारित करने के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी. मंजूरी के बाद पांच शहरों के नगर निगम और अर्बन डेवलपमेंट के अधिकारी ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए मंजूरी दे सकते हैं.
सौ मीटर से ज्यादा ऊंचाई
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सीजीडीसीआर को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इन पांचों शहरों में 100 मीटर या इससे ऊंची इमारतें बनाई जा सकती है. वर्तमान में इन शहरों में 70 मीटर से ज्यादा ऊंचाई की बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती. जनरल डवलपमेंट कंट्रोल रेग्युलेशन (जीडीसीआर)-ए और गुजरात टाउन प्लानिंग एंड अर्बन डवलपमेंट एक्ट-1976 के अनुसार अभी तक राज्य के महानगरों में 22-23 मंजिला इमारतों की ही परमिशन थी. अब राज्य सरकार द्वारा इसमें संशोधन कर इमारतों की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला किया गया है. इसके अलावा ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए एक स्पेशल टेक्नीकल कमेटी की रचना की जाएगी. टाउन प्लानिंग एंड अर्बन डवलपमेंट एक्ट-1976 के अनुसार 100 से 150 मीटर ऊंची इमारतों के लिए प्लॉट का साइज 2500 वर्ग मीटर और 150 मीटर से ऊंची बिल्डिंगों के लिए प्लॉट का साइज 3500 वर्गमीटर होना जरूरी है.
कई अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी
इसके अलावा राज्य सरकार ने शहरों में विकास कार्य के लिए तीन फाइनल टीपी और दो ड्राफ्ट टीपी स्कीमों को मंजूरी दी है. इनमें भावनगर शहर में टीपी स्कीम (चित्रा) और शामलाजी मंदिर परिसर के पास विकास के लिए जरूरी बदलाव वाली ड्राफ्ट टीपी स्कीम शामिल है. इसके अलावा अहमदाबाद की फाइनल टीपी नंबर 51 (पूर्व खोखरा-महेमदाबाद) औऱ मेमनगर नंबर-1 (सेकेंड वेरिड) तथा गांधीनगर की फाइनल टीपी स्कीम नंबर 9/बी (वासणा-हडमतिया-सरगासण-वावोल) को भी मंजूरी दी है.