New Delhi. नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हुई 26 जून को होगा चुनाव, लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए 25 जून तक दाख़िल किया जा सकेगा पर्चा।
लोकसभा चुनाव 2024 खत्म होने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने. रविवार (09 जून) को शपथ लेने के बाद सोमवार (10 जून) को सभी मंत्रियों के मंत्रालय भी बांट दिए गए और सरकार अपना काम शुरू कर चुकी है. अब सभी लोगों की निगाहें लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर टिकी हुई हैं. जिसको लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नोटिफिकेश जारी कर दिया है. ये चुनाव 26 जून को होगा. 27 तारीख को संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति संबोधित करेंगे. इसी दिन सुबह 11 बजे राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा. यानि इससे पहले सभी नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों को शपथ दिलाने के साथ ही नए स्पीकर को भी चुन लिया जाएगा. 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर नए सांसदों को शपथ दिलवाएंगे. लोकसभा अध्यक्ष का पद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने पास ही रखने जा रही है. यानि 18वीं लोकसभा में भी बीजेपी का ही कोई सांसद लोकसभा का अध्यक्ष चुना जाएगा. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया में आ रही खबरों को खारिज करते हुए बताया कि किसी भी सहयोगी दल की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर कोई मांग नहीं आई है. बीजेपी जल्द ही पहले पार्टी के स्तर पर इस पर विचार करेगी और पार्टी की ओर से नाम पर फैसला किए जाने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों के साथ भी विचार-विमर्श कर उस नाम पर सर्वसम्मति बनाई जाएगी.
दरअसल, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मध्य प्रदेश की इंदौर से बीजेपी की लोकसभा सांसद सुमित्रा महाजन को और दूसरे कार्यकाल में राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था लेकिन इस बार के तीसरे कार्यकाल में बीजेपी के पास 2014 और 2019 की तरह लोकसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि टीडीपी लोकसभा के अध्यक्ष का पद मांग रही है. कई जगह तो जेडीयू से भी लोकसभा का अध्यक्ष चुने जाने की बात सामने आई, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने इन खबरों को महज अटकलें बताते हुए खारिज कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद लोकसभा के नए अध्यक्ष के नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा. बीजेपी पहले पार्टी के स्तर पर लोकसभा के भावी अध्यक्ष का नाम तय करेगी, इसके बाद सहयोगी दलों के साथ उस नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा. अगर सहयोगी दल की तरफ से कोई सुझाव या मांग आती है, तो बीजेपी फिर नए फॉर्मूले पर विचार करेगी.
24 जून से शुरू होने जा रहे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान बीजेपी अपनी पार्टी के किसी सांसद के नाम को लेकर विपक्षी दलों से भी संपर्क साधेगी, ताकि सदन में सर्वसम्मति से लोकसभा के नए अध्यक्ष का चयन हो सके. अगर सरकार के प्रस्ताव को विपक्षी दल स्वीकार कर लेते हैं, तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी लेकिन अगर विपक्ष अपनी तरफ से भी उम्मीदवार खड़ा करता है, तो 26 जून को लोकसभा में नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान हो सकता है. दोनों ही सूरत में लोकसभा के नए अध्यक्ष 26 जून को कार्यभार संभाल लेंगे. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद सत्र की तारीखों की घोषणा करते हुए बुधवार को ही एक्स पर पोस्ट कर बताया था कि नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ/पुष्टि, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक बुलाया जा रहा है. राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा.