आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) में राजा की मंडी रेलवे स्टेशन (Raja ki mandi railway station) से सटे चामुंडा देवी मंदिर (chamunda devi mandir) को विस्थापित करने का नोटिस रेल प्रशासन ने जारी कर दिया है. मंदिर को विस्थापित करने के लिए 10 दिन का समय कमेटी को दिया गया है. मंदिर को विस्थापित करने की बात भक्तों और हिंदूवादी संगठनों को नागवार गुजरी है. सभी इसकी खिलाफत के लिए लामबंद हो गए हैं.
राजा मंडी रेलवे स्टेशन से सटा मां चामुंडा देवी मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. इस मंदिर से जुड़ी कई किवदंतियां हैं. इन्हीं में एक किवदंती है कि यह मंदिर रेलवे लाइन बिछने से पहले का है. बरतानिया हुकूमत ने इस रेलवे लाइन को डाला था. उस दौरान भी मंदिर हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन अंग्रेज अफसर मंदिर नहीं हटा पाए थे. लिहाजा मुंबई से दिल्ली जाने के लिए रेलवे लाइन को घुमाकर यहां से निकालना पड़ा था.
अब एक बार फिर मां चामुंडा मंदिर को अतिक्रमण बताकर कमेटी के लिए रेल प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया है. विस्थापित करने के नोटिस की खबर जैसे ही भक्तों को लगी तो भक्तों की भीड़ मंदिर पर उमड़ पड़ी. भक्तों में काफी रोष देखने को मिला.
मां चामुंडा देवी मंदिर के महंत विश्वेश्वरा नंदगिरी महाराज ब्रह्मचारी ने बताया, साल 2011 में रेलवे ने चामुंडा माता मंदिर को अतिक्रमण बता कर हटाने के लिए नोटिस चस्पा किया था, जिसका मंदिर कमेटी ने जवाब भी दिया था. तब रेलवे ने एक कमेटी गठित की थी, जिसमें एसडीएम सदर, एडीएम सिटी और मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सहित कुल 7 लोग शामिल थे.
नंदगिरी महाराज के मुताबिक, एसडीएम सदर ने जांच करने के बाद पाया कि वाकई मंदिर सैकड़ों बरसों पुराना है. रेलवे स्टेशन के निर्माण से पहले से वहां पर स्थित है. इसके चलते कमेटी ने जांच रिपोर्ट का रेलवे को लेटर दिया, जिसमें एसडीएम सदर ने लिखा कि यह कोई भी अतिक्रमण नहीं है. बावजूद इसके रेलवे प्रशासन समय-समय पर हिंदुओं के आस्था के केंद्र चामुंडा देवी मंदिर पर नोटिस चस्पा कर क्या साबित करना चाहता है? मंदिर के महंत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से प्रार्थना की और कहा कि मामले को संज्ञान में लें.