चीनी सैनिकों से लोहा लेने वाले वीरों को सम्मान, युद्धकालीन 'चक्र' पुरस्कार के लिए किये नामित

भारतीय सेना के उन सैनिकों को चक्र श्रृंखला के युद्धकालीन पुरस्कारों से सम्मानित

Update: 2021-01-11 17:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारतीय सेना के उन सैनिकों को चक्र श्रृंखला के युद्धकालीन पुरस्कारों से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है जिन्होंने गलवां घाटी में चीन के सैनिकों से लोहा लिया था। इन सैनिकों को आगामी गणतंत्र दिवस समारोह पर सम्मानित किया जाएगा।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सूत्रों ने बताया कि वीरता पुरस्कारों के लिए जिनके नामों की सिफारिश की गई है, उस सूची में 16 बिहार कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू का नाम भी शामिल है। वह चीनी सेना के साथ संघर्ष में शहीद हो गए थे।

सेना के शीर्ष नेतृत्व ने इन बहादुर जवानों को युद्धकालीन वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करने के लिए इनकी सिफारिश करने का निर्णय लिया है। बता दें कि इन युद्धकालीन सम्मानों में उच्चतम परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र शामिल होते हैं।वहीं, शांतिकालीन समय में उच्चतम वीरता पुरस्कारों में अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र शामिल होते हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पोस्ट 120 पर 'गलवां के बहादुरों' के लिए एक स्मारक का निर्माण भी करवाया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले साल 15 जून को झड़प हुई थी। जब कर्नल बाबू की अगुवाई में भारतीय सैनिकों का पैट्रोलिंग बिंदु 14 एरिया के पास चीन के सैनिकों के साथ गतिरोध हुआ था।इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़पों का दौर सा हुआ, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। वहीं, चीन की ओर से शहीद या घायल हुए सैनिकों का सही आंकड़ा अब तक सामने नहीं आया है। हालांकि, माना जाता है कि चीन को भारी नुकसान हुआ था।
चीन ने इस संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या का खुलासा आज तक नहीं किया है लेकिन उसने आधिकारिक रूप से सैनिकों के मरने और घायल होने की बात स्वीकार की थी। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के भी 35 सैनिक मारे गए थे।


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