नॉएडा प्राधिकरण के एजीएम पर लगा 25 हजार का जुर्माना

Update: 2023-05-13 07:06 GMT

नॉएडा न्यूज़: जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी न देना नोएडा प्राधिकरण के कार्मिक विभाग के सहायक महाप्रबंधक (AGM) को भारी पड़ा। इस लापरवाही के कारण उन पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया।

गांव गढ़ी चौखंडी निवासी और जनहित समिति के अध्यक्ष रतनपाल सिंह यादव की ओर से नोएडा प्राधिकरण में नायब तहसीलदार के पद को उच्चीकृत करने के संबंध में कुछ बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। विदित हो कि नोएडा प्राधिकरण की भर्ती एवं पदोन्नति नियमावली के अनुसार एक तहसीलदार तथा चार नायब तहसीलदार के पद सृजित हैं, परंतु नोएडा में नायब तहसीलदार के स्थान पर तहसीलदार कार्यरत रहते हैं। रतन पाल सिंह यादव द्वारा नायब तहसीलदारों के स्थान पर तहसीलदारों की नियुक्ति के संबंध में शासन के आदेश / अनुमति की छायाप्रति की मांग की थी।

दी गई गुमराह करने वाली जानकारी: जनसूचना अधिकारी द्वारा पहले बताया गया कि मांगी गई सूचना जन सामान्य से जुड़ी हुई नहीं है, अत: सूचना दिया जाना संभव नहीं है। फिर बताया गया कि शासन की अनुमति की प्रति कार्मिक विभाग में उपलब्ध नहीं है। सुनवाई के दौरान आयोग ने माना कि जनसूचना अधिकारी द्वारा घुमा फिरा कर जवाब दिया गया है, उन्हें स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि शासन की अनुमति प्राप्त भी हुई थी अथवा नहीं और आदेश पारित किया कि सुनवाई के लिए नियत अगली तिथि को संबंधित पत्रावली के साथ जनसूचना अधिकारी आयोग के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद प्राधिकरण के जनसूचना अधिकारी न ही मांगी गई सूचना दे पाए और न ही आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर सके।

समय से सूचना न देना पड़ा भारी: इस स्थिति में आयोग द्वारा जनसूचना अधिकारी संजीव कुमार बेदी को जानबूझ कर समय से सूचना न देने और आयोग के आदेशों की अवहेलना करने का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार का अर्थदंड लगाते हुए एक माह में सूचना देने का आदेश पारित किया है। कार्मिक विभाग ओएसडी अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले पर अपील की जाएगी। पता किया जाएगा कि कि क्या जवाब भेजा गया था, वैसे पदोन्नति से संबंधित रिकार्ड शासन स्तर पर होता है, यहां से जानकारी देना संभव नहीं है

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