मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं, CWC की बैठक में नेताओं को सोनिया गांधी का दो टूक संदेश
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी सोनिया अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 को जवाब दिया है. सोनिया गांधी ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि वो ही कांग्रेस की पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं. सोनिया ने अपने संबोधन में कहा, "यदि आप मुझे ऐसा कहने की अनुमति देते हैं तो मैं कहती हूं कि मैं ही कांग्रेस की फुल टाइम अध्यक्ष हूं, मेरे लिए मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है." सोनिया ने कहा कि हमने कभी भी लोक महत्व के मुद्दों पर टिप्पणी करने से इनकार नहीं किया. पार्टी में संगठन चुनाव पर सोनिया ने कहा कि संगठन चुनाव का पूरा खाका आपके सामने आ रहा है.
वहीं, संगठन के चुनाव पर सोनिया ने साफ कहा कि पूर्ण संगठनात्मक चुनावों का कार्यक्रम आपके सामने है. 30 जून 2021 को चुनावी रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं हो पाया. आप सभी इसे तय करें, पार्टी में किसी एक मर्जी नहीं चलेगी. सोनिया गांधी ने कहा कि पूरा संगठन कांग्रेस को दोबारा खड़ा करना चाहता है, लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है. उन्होंने पार्टी नेताओं को आत्म-नियंत्रण और अनुशासन का ख्याल रखने को भी कहा. बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को भी घेरा. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बीजेपी की मानसिकता को दिखाती है कि वो किस तरह किसान आंदोलन को देखती है. तीनों काले कानून के खिलाफ किसान अपनी रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन सरकार उसकी चिंता नहीं है.
बता दें कि कुछ ही दिन पहले कपिल सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस के फैसले कौन लेता है ये उन्हें समझ में नहीं आ रहा है. कांग्रेस CWC की बैठक में 57 नेताओं को न्यौता दिया गया था. इसमें से 5 नेता मीटिंग में शामिल नहीं हैं. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह बीमार हैं जबकि दिग्विजय सिंह मीटिंग में शामिल नहीं हुए हैं. इस मीटिंग में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हैं. इसके अलावा जी-23 के नेता आनंद शर्मा भी बैठक में मौजूद हैं.
CWC की बैठक से पहले सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर हमला किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि आज फिर पेट्रोल-डीज़ल महंगा हो गया है. मोदी सरकार ने टैक्स न बढ़ाये होते तो पेट्रोल आज 66 रुपए और डीजल 55 रुपए लीटर होता. मोदी सरकार ने टैक्स लूट में नए कीर्तिमान स्थापित किये. आंकड़े गवाह हैं की जब कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय दाम घटें तो टैक्स बढ़ाया. उसका फायदा देश को नहीं दिया.