फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर्स नहीं जज और वकील, केंद्र सरकार ने विशेष मानने से किया इनकार
सर्वोच्च न्यायालय
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि कोविड टीकाकरण के लिए वह न्यायाधीशों, अदालती स्टाफ और वकीलों को अलग या विशेष श्रेणी में नहीं रख सकती है। उल्लेखनीय है कि अदालत ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह जजों, वकीलों और 45 वर्ष से कम आयु के न्यायालय कर्मियों को फ्रंट लाइन कोरोना वर्कर्स मानते हुए प्राथमिकता में कोविड के टीके उपलब्ध कराए। सरकार का कहना है कि कोरोना टीके का उत्पादन बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में किया जा रहा है। अधोसंरचना और मानव संसाधन की कमी के बावजूद इसका वृहद पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है और महामारी के मद्देनजर विश्व को निर्यात भी किया जा रहा है।