नई दिल्ली. आरबीआई एमपीसी की तीन दिन से जारी बैठक के बाद आज आरबीआई (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे है. उन्होंने बताया कि बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है. इस वक्त रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है. कैश रिजर्व रेशियो 3% और बैंक रेट 4.25% है. आपको बता दें कि MPC की अक्टूबर में हुई पिछली बैठक में बढ़ी हुई खुदरा महंगाई की वजह से नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया गया था. अगस्त की बैठक में भी ब्याज दरें नहीं बदली थीं. आखिरी बार मई में ब्याज दरों में 0.40 फीसदी और मार्च में 0.75 फईसदी की कटौती की गई थी. इस साल फरवरी से केंद्रीय बैंक रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है.
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
रेपो रेट (Repo Rate) 4%
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) 3.35%
एमएसएफ रेट (MSF Rate): 4.25%
बैंक रेट (Bank Rate) 4.25%
CRR 3%
SLR at 18%
ब्याज दरों में क्यों नहीं हुआ बदलाव-भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एक बार फिर मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. यह फैसला खुदरा महंगाई क उच्च स्तर को देखते हुए लिया गया है. खुदरा मुद्रास्फीति इस समय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. यह लगातार तीसरी बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यों की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को जस का तस छोड़ा है. रेपो रेट 4%, रिवर्स रेपो रेट 3.35%, कैश रिजर्व रेशियो 3% और बैंक रेट 4.25% के स्तर पर बरकरार हैं.
क्या होता है रिवर्स रेपो रेट-जिस रेट पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित करने में काम आता है. बहुत ज्यादा नकदी होने पर आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देती है.
क्या होता है SLR-जिस रेट पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते हैं, उसे एसएलआर कहते हैं. नकदी को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है, जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन-देन को पूरा करने में किया जाता है.
CRR क्या होता है- बैंकिंग नियमों के तहत सभी बैंकों को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है, जिसे कैश रिजर्व रेशियो यानी सीआरआर कहते हैं.
MSF क्या होता है- आरबीआई ने इसकी शुरुआत साल 2011 में की थी. एमएसएफ के तहत कमर्शियल बैंक एक रात के लिए अपने कुल जमा का 1 फीसदी तक लोन ले सकते हैं.