नई दिल्ली: बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार ने एक बार फिर बड़ा उलटफेर कर दिया है. उन्होंने एनडीए से गठबंधन तोड़ विपक्षी महागठबंधन का दामन थामकर एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस बीच राज्यसभा के उपसभापति को लेकर भी पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है. कारण, वर्तमान में जेडीयू के सांसद राज्यसभा के उपसभापति हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी से रिश्ता तोड़ने के बाद जेडीयू हरिवंश नारायण सिंह को उपसभापति पद से इस्तीफा देने को नहीं कहेगी.
दरअसल, जेडीयू नेताओं के अनुसार चाहे वे पार्टी के सांसद हों लेकिन उन्हें उपसभापति सदन के कई दलों के सांसदों ने चुना. अब यह बीजेपी पर निर्भर करेगा कि वह हरिवंश को हटाएगी या नहीं. उधर, राजनीति के जानकारों की मानें तो अगर बीजेपी हरिवंश को हटाकर अपना सांसद उपसभापति बनाना चाहे तो उसे हरिवंश को हटाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव लाना होगा. यानी एक तरह से यह हरिवंश के लिए राहत की बात है.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में हरिवंश बीजेपी के नजदीक आए हैं. विवादास्पद कृषि विधेयकों पर मत विभाजन न कराने के कारण 8 सांसद हरिवंश विपक्ष के गुस्से का शिकार हुए थे. आठ सांसदों ने निलंबन के बाद हरिवंश के फैसले के खिलाफ संसद परिसर में ही धरना भी दिया था.
जेडीयू के नेता नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही राजद नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने दूसरी बार डिप्टी सीएम बने. राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. 22 साल में यह 8वां मौका है, जब नीतीश कुमार राज्य के सीएम बने हैं.